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तिवारी परिवार की ओर से आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान कथा के चौथे दिन
झारसुगुड़ा : तिवारी परिवार की ओर से आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान कथा के चौथे दिन कृष्ण जन्म प्रसंग व उत्सव में भागवत कथा वाचक लक्ष्मी निधि ने ऐसा समां बांधा कि भागवत प्रेमी अपने आप को रोक नहीं सके। नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की.. धुन पर भक्त जम कर झूमे। भागवत कथा के चौथे दिन कथा वाचक लक्ष्मी निधि ने हीरण्य कश्यपु व भक्त प्रहलाद के प्रसंग पर विस्तार से कथा सुनाया। साथ ही बामन अवतार, ध्रुव चरित्र, अजामिल के प्रसंग सुना कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस दौरान कथावाचक लक्ष्मी निधि ने कहा कि पाप आंखों के रास्ते मन में पहुंचता है और मन के बाद मनुष्य कि बुद्धि को भ्रष्ट कर देता है। उन्होंने कहा कि हमें हमेशा अच्छी चीजें व अच्छे साहित्य धार्मिक ग्रंथ पढ़ना चाहिए, ताकि हमारा मन व बुद्धि स्वच्छ रहे। उन्होंने कहा कि बच्चों के नामांकरण से पूर्व अच्छी तरह सोच-विचार कर उनका नाम रखना चाहिए, क्योंकि हमारे जीवन में नाम का बहुत प्रभाव पड़ता है। जथा नाम तथा गुणा की कहावत हमेशा चरित्रार्थ होती है। इस दौरान वरिष्ठ व्यक्ति बालगोविद मिश्रा, अर्जुन मोर, रामचरण पाठक व शंभुनाथ पांडे को मंच पर आमंत्रित कर आशीर्वाद प्रदान किया था।
कृष्ण जन्म उत्सव के अवसर पर एक छोटे से बच्चे को कृष्ण के रूप में सजाया गया। फिर वासुदेव बने उमेश तिवारी एक टोकरी में कृष्ण रूपी बालक को सिर पर लेकर कथा स्थल पर पहुंचे तो जयकारों से कथा स्थल जय कारों से गुंजायमान हो उठा। श्रोता व भक्त गण बाल कृष्ण को देखने व बधाई देने के लिए उमड़ पड़े। इस अवसर पर आयोजकों की ओर से श्रोताओं व भक्तों के बीच बधाई के रूप में चाकलेट, माखन मिश्री व खिलौने का वितरण किया गया। श्री मद् भागवत कथा का आयोजन तिवारी परिवार की सरोज देवी तिवारी की ओर से किया गया।
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