ओडिशा

रैपिड एंटीजेन टेस्ट किट उत्पादन करने वाला पूर्वी भारत का पहला राज्य बना ओडिशा राज्य

Gulabi Jagat
29 May 2022 5:15 AM GMT
रैपिड एंटीजेन टेस्ट किट उत्पादन करने वाला पूर्वी भारत का पहला राज्य बना ओडिशा राज्य
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आज महामारी से लड़ाई में ओडिशा ने और एक कदम आगे बढ़ा दिया है
भुवनेश्वर, जेएनएन। कोरोना महामारी के समय कोरोना परीक्षण के लिए अतिआवाश्यक रैपिड एंटीजेन टेस्ट किट का उत्पादन अब ओडिशा के भुवनेश्वर शहर में शुरू हो गया है। शुक्रवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भुवनेश्वर इनफोसिटी में बायो-टेक फार्म एमजेनेक्स उत्पादन केन्द्र का शुभारंभ किया। भुवनेश्वर में पूर्वी भारत के पहले एंटीजेन टेस्ट किट उत्पादन केन्द्र का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनयाक ने कहा कि हमें खुशी हो रही है, आज महामारी से लड़ाई में ओडिशा ने और एक कदम आगे बढ़ा दिया है।
भुवनेश्वर में रैपिड एंडीजेन टेस्ट किट उत्पादन केन्द्र का शुभारंभ हो जाने से अब 24 घंटे के अंदर राज्य के किसी भी क्षेत्र में यह किट आसानी से पहुंच सकेगी। ओडिशा के साथ आस-पास के राज्यों को भी इसका लाभ मिलेगा। ओडिशा स्थित बायोटेक कंपनी इमेजेनेक्स इंडिया ने यह रैपिड एंटीजेन किट का उत्पदान शुरू किया है। इस अवसर पर इमेजेनेक्स इंडिया के अध्यक्ष डां. सुजय सिंह ने उत्पादन केन्द्र के बारे में विस्तृत जानकारी दी। भुवनेश्वर इनफोसिटी में कंपनी ने अपना उत्पादन केन्द्र स्थापित किया है। इसके लिए जून 2021 से तैयारी शुरू हुई थी।
आरएमआरसी की तरफ से इसके लिए तकनीकी सहयाता मुहैया किए जाने के साथ ही किट की टेस्टिंग की गई थी। किट को आईसीएमआर ने अनुमोदित कर दिया है। एक किट की कीमत 50 रुपये रखी गई है। बाजार में उपलब्ध अन्य टेस्ट कीट से यह सस्ती है। इसके साथ ही 15 मिनट में टेस्ट का रिजल्ट आ जाएगा। एक बाक्स में 25 टेस्ट किट रहेगी। इमेजेनेक्स इंडिया ने ओडिशा के बाहर भी इसे भेजने का लक्ष्य रखा है।
गौरतलब है कि इमेजेनेक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की भुवनेश्वर में स्थापना 2004 में की गई थी। प्रारंभ में यह कंपनी कैंसर, घुटनों की समस्या, थोरियासीस एवं अन्य जरूरी रिकोम्बिनांटप्रोटिन एवं एंटीबडी बनाती थी। कोविड महामारी के बाद कंपनी ने रैपिड एंटीजेन कीट बनाने की तैयारी शुरू की थी। किट का उत्पदान कर सफल परीक्षण करने के बाद कंपनी ने इसके मूल्यायन एवं प्रयोग करने की अनुमति के लिए आरएमआरसी के पास भेजा था।
पिछले जनवरी महीने में आरएमआरसी की रिपोर्ट के आधार पर आईसीएमआर ने इसके प्रयोग के लिए ​विधिवत अनुमति दे दी थी। इसके बाद केरल के एक निजी संस्थान द्वारा इसका मूल्यायन किया गया। इसका नाम आईएमसीओभी-एजी है। यह किट अत्यंत ही संवेदनशील है और कोविड के विभिन्न प्रकार के वेरिएंट की पहचान करने में सक्षम है। पहले चरण में कंपनी ने मासिक 20 लाख यूनिट कीट का उत्पादन कर सकती है, यह जानकारी कंपनी की तरफ से दी गई है।
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