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पाटदर्हा में मुठभेड़ के बाद भागे नक्सली
संबलपुर : छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे पश्चिम ओडिशा के नुंआपाड़ा जिला के सिनापाली थाना अंतर्गत पाटदर्हा संरक्षित जंगल में सुरक्षा बल के जवानों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद नक्सली भाग निकले। संरक्षित जंगल में नक्सलियों की गतिविधि की सूचना मिलने के बाद, जिला पुलिस अधीक्षक प्रत्यूष दिवाकर के निर्देश पर एसओजी, डीवीएफ और सीआरपीएफ के जवान नक्सल सर्च आपरेशन में निकले थे। इसी दौरान जवानों और नक्सलियों के बीच गुरुवार के पूर्वाह्न मुठभेड़ हो गई। जवानों को भारी पड़ता देख नक्सली भाग खड़े हुए। जवानों ने जंगल में एक नक्सली कैंप को ध्वस्त करने समेत वहा से नक्सली सामग्री जब्त किया।
शुक्रवार को इसी को लेकर जिला पुलिस कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में पुलिस अधीक्षक दिवाकर और सीआरपीएफ -216 बटालियन के कमाडेंट राजेश वत्स ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुलिस को पाटदर्हा संरक्षित जंगल में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसी के बाद 14 दिसंबर को नक्सल विरोधी अभियान शुरू किया गया। डीवीएफ, एसओजी और सीआरपीएफ की दो संयुक्त टीम इस अभियान के लिए भेजी गई। गुरुवार के पूर्वाह्न करीब साढ़े नौ बजे जब एसओजी और डीवीएफ टीम सिनापाली थाना क्षेत्र के झोलपार इलाके के पास पाटदर्हा संरक्षित जंगल में पहुंची तभी जवानों को देख नक्सलियों ने गोलिया बरसानी शुरू कर दी। जवाब में जवानों ने 49 राउंड फायरिंग की। जवानों को भारी पड़ता देख नक्सली घने व दुर्गम जंगल व पहाड़ों का फायदा उठाकर भाग निकले। बताया गया है कि नक्सलियों ने करीब 60 राउंड फायरिंग की थी, जबकि जवानों ने 49 राउंड गोलिया चलाई। नक्सलियों की संख्या 15 से 20 बताई जा रही है। इनमें महिला नक्सली भी शामिल थीं। नक्सलियों के भाग निकलने के बाद उनके कैंप से नक्सली साहित्य, कंबल, स्वेटर, बैग, रेडियो, कैलकुलेटर, सोलर प्लेट, चार्जर, मेडिसिन किट, बैटरी सहित दैनिक उपयोग की वस्तुएं और खाद्य सामग्री जब्त किया गया। पुलिस अधीक्षक दिवाकर ने बताया है कि इस मुठभेड़ के बाद सभी जवान सुरक्षित हैं और इलाके में तलाशी अभियान को तेज कर दिया गया है।
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