ओडिशा

ओडिशा में 5 अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति, अब तक 151 के खिलाफ हुई सख्त कार्रवाई

Kunti Dhruw
15 Feb 2022 11:09 AM GMT
ओडिशा में 5 अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति, अब तक 151 के खिलाफ हुई सख्त कार्रवाई
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ओडिशा सरकार ने अकुशलता और कर्तव्य में लापरवाही के आधार पर पांच और सरकारी अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी है।

भुवनेश्वर, ओडिशा सरकार ने अकुशलता और कर्तव्य में लापरवाही के आधार पर पांच और सरकारी अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी है। अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए गए पांच अधिकारियों में ओएएस अधिकारी, डीएसपी, पुलिस निरीक्षक और 2 नगर पालिका कर्मचारी शामिल हैं। इस तरह से सरकार की तरफ से अब तक कुल 151 अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है।

इन पांच अधिकारियों में पहला नाम सुंदरगढ़ के बणई ओएएस अधिकारी सुशील कुमार कुजूर का नाम शामिल है। कुजूर ने ढेंकनाल के सदर प्रखंड के बीडीओ रहते समय मनरेगा के पैसे का गलत इस्तेमाल किया था। उन्होंने विभिन्न गांवों में वृक्षारोपण कार्यक्रमों पर फर्जी दस्तावेज पेश किए, जिससे सरकार को 24.22 लाख रुपये का नुकसान हुआ था। इस मामले में उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी।
दूसरा नाम ओडिशा पुलिस सेवा अधिकारी रवींद्र कुमार सेठी का है। सेठी को महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध को नियंत्रण करने के लिए कालाहांडी डीएसपी के तौर पर नियुक्त किया गया था। इन्हें भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने 5,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में ले लिया गया था।
तीसरा नाम बलांगीर जिले के बंगमुंडा पुलिस निरीक्षक बिनोद बिहारी नायक का है। नायक को भ्रष्टाचार विरोधी अधिकारियों की एक टीम ने बरगढ़ टोल गेट के पास पकड़ा, जब वह एक मारुति सियाज कार में बंगामुंडा से कुचिंडा जा रहे थे। भ्रष्टाचार विरोधी अधिकारियों ने उनके पास से 2,06,220 नकद रुपये बरामद किए थे। बंगामुंडा में उनके सरकारी आवास पर तलाशी के दौरान 3,80,920 रुपये बरामद किए गए। उसके पास से कुल 5,87,140 रुपये बरामद किए गए। उन्हें 30 नवंबर, 2021 को गिरफ्तार किया गया था। आगे की जांच में पता चला कि मारुति सियाज कार (OD-15K-6111), जिसमें वह यात्रा कर रहे थे, संबलपुर जिले के नासिर के पुत्र मोहम्मद मलीम के नाम पर थी। मोहम्मद मलीम के नाम पर धनुपल्ली थाने में चार और संबलपुर सदर थाने में एक मामला दर्ज है।
चौथा अधिकारी भद्रक जिले के बासुदेवपुर नगर पालिका के पूर्व कार्यपालक अधिकारी तपस रंजन जेना हैं, जिन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है और पांचवा अधिकारी मयूरभंज जिले में करंजिया अधिसूचित क्षेत्र परिषद (एनएसी) के एक पूर्व कार्यकारी अधिकारी विजयकृष्ण नायक हैं।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हमेशा सार्वजनिक जीवन के क्षेत्र में उच्च नैतिकता और अखंडता बनाए रखने पर जोर दिया है। उन्होंने हमेशा अक्षम और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पर जोर दिया है। उन्होंने पारदर्शी, कुशल और जवाबदेह प्रशासन के माध्यम से लोगों को सेवाएं प्रदान करने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। गौरतलब है कि इससे पहले 8 फरवरी, 2022 को इंजीनियर, बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ), आंगनवाड़ी पर्यवेक्षक, पुलिस निरीक्षक और राजस्व पर्यवेक्षक सहित पांच सरकारी अधिकारियों को अक्षमता और कर्तव्य में लापरवाही के आधार पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई थी।


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