ओडिशा
सुंदरगढ़ जिले में लघु वन उत्पादों में महुआ प्रमुख, गरीबों की मेहनत और मालामाल हो रहे बिचौलिये
Gulabi Jagat
29 April 2022 5:53 AM GMT
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सुंदरगढ़ जिले में लघु वन उत्पादों में महुआ प्रमुख है
राउरकेला : सुंदरगढ़ जिले में लघु वन उत्पादों में महुआ प्रमुख है। गांव देहात के लोग मुश्किल से महुआ संग्रह कर उन्हें बेच कर साल भर का खर्च निकालते हैं। विभाग की ओर से इसका दर निर्धारित नहीं किया गया है जिससे बचौलिये व शराब कारोबारी मनमाने दाम में महुआ खरीद रहे है जिससे ग्रामीणों को इस लघु वन उपज का उचित दाम नहीं मिल रहा है। जिले में महुआ सस्ता होने के कारण झारखंड व छत्तीसगढ़ से भी कारोबारी आकर महुआ ले रहे हैं। व्यापरियों को 15 क्विंटल तक महुआ खरीदने की अनुमति मिलती है। इसके बल पर भारी मात्रा में महुआ खरीद कर जमा कर रहे हैं एवं इसे दाम बढ़ने पर बेचकर मुनाफा कमाने की योजना है। आबकारी विभाग व वन विभाग की ओर से ऐसे कारोबारियों के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं की जा रही है।
आदिवासी अधिसूचित सुंदरगढ़ जिले मे हर साल बड़ी मात्रा में महुआ संग्रह होता है। 1990 में तत्कालीन मुख्यमंत्री बीजू पटनायक ने महुआ के दाम में दो से तीन रुपये तक की बढ़ोत्तरी की थी एवं टीडीसीसी व वन विभाग को इसकी खरीदारी की जिम्मेदारी दी थी। तब महुआ कारोबार का राष्ट्रीयकरण होने से दूसरे राज्यों से भी महुआ जिले में आ रहा था। उस वर्ष एक लाख क्विंटल महुआ संग्रह हुआ था। महुआ का उपयोग नहीं होने के कारण यह जहां तहां पड़ा रहा एवं टीडीसीसी को काफी नुकसान उठाना पड़ा। इसके बाद पंचायत को लघु वन पदार्थ संग्रह की अनुमति एवं दर निर्धारण की क्षमता दी गई। जागरूकता के अभाव में पंचायत के जरिए भी दर का निर्धारण व खरीदारी नहीं हो सकी। इस कारण कारोबारी अपने फायदे के अनुसार दर निर्धारित करने लगे जिससे महुआ संग्रह करने वालों को उचित दाम नहीं मिला। संग्रह किया गया महुआ व्यापारी व बिचौलिये खरीद रहे हैं एवं इसका इस्तेमाल शराब तैयार करने में हो रहा है। नियम के अनुसार 15 क्विंटल से कम महुआ जमा करने वाले व्यक्ति के लिए लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं है पर इससे अधिक रखने की क्षमता के लिए अनुमति लेनी होती है। भट्ठी मालिक बिचौलिये व खुदरा व्यापारी से महुआ लेकर संग्रह कर जमा रख रहे हैं। जिले के हेमगिर, बालीशंकरा, सबडेगा, लेफ्रीपाड़ा, टांगरपाली, बणई, लहुणीपाड़ा, लाठीकटा क्षेत्र में महुआ की सस्ते दाम में बिक्री हो रही है। इस पर पूरे जिले में केवल 15 लोगों को एजेंट के रूप में महुआ संग्रह करने की अनुमति दी गई है। इनके द्वारा कितना महुआ संग्रह किया गया, इसका हिसाब नहीं है। बालीशंकरा, सबडेगा क्षेत्र में 25 से 30 रुपये किलो महुआ बिक रहा है। वहीं, टांगरपाली इलाके में 30 रुपये की दर पर बेचा जा रहा है। आबकारी विभाग व वन विभाग की ओर से भी इस पर नजर नहीं रखी जा रही है।
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