ओडिशा

1 जुलाई को भक्तों को दर्शन देंगे भगवान जगन्नाथ, करेंगे नगर भ्रमण

Ritisha Jaiswal
8 Jun 2022 1:46 PM GMT
1 जुलाई को भक्तों को दर्शन देंगे भगवान जगन्नाथ, करेंगे नगर भ्रमण
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भगवान जगन्नाथ 1 जुलाई को भक्तों को दर्शन देंगे और नगर भ्रमण करेंगे. महाप्रभु भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा इस साल एक जुलाई को निकलेगी.

भगवान जगन्नाथ 1 जुलाई को भक्तों को दर्शन देंगे और नगर भ्रमण करेंगे. महाप्रभु भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा इस साल एक जुलाई को निकलेगी. रथ की सजावट के लिए ओडिशा के पीपली से विशेष कपड़ा मंगाया गया है. भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ जगन्नाथ मंदिर से मौसीबाड़ी श्रीराम मंदिर जायेंगे. रथयात्रा (गुंडिचा) के पूर्व सूर्योदय के साथ मंगल आरती होगी. दोपहर को नवग्रह पूजा-अर्चना व हवन होगा. दोपहर बाद मौसी के घर जाने के लिए रथयात्रा शुरू होगी. छेरापहरा की परंपरा पूरी की जायेगी. कोरोना महामारी के कारण दो साल से गुंडिचा यात्रा (रथयात्रा) का बोकारो में नगर भ्रमण नहीं हो रहा था. इस साल यह उत्सव आयोजित होगा.

तैयारी में जुटी उत्कल सेवा समिति
महाप्रभु भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के लिए सेक्टर-04 स्थित श्रीश्री जगन्नाथ मंदिर में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. रथ बनाने का काम तेजी से चल रहा है. रथ की मरम्मत व निर्माण का कार्य अक्षय तृतीया को ही पूजा-पाठ के बाद शुरू हो गया था. इधर, भक्तों में भी जबरदस्त उत्साह है. दरअसल, दो साल बाद रथ यात्रा निकलेगी. रथ यात्रा की तैयारी में उत्कल सेवा समिति-बोकारो के पदाधिकारी व सदस्य जुटे हैं. समिति के अध्यक्ष डॉ. जीएन साहु, सचिव डॉ यू मोहंती व कोषाध्यक्ष पीसी कौर ने संयुक्त रूप से सोमवार को बताया कि रथ का निर्माण कार्य 30 जून तक पूरा कर लिया जायेगा. रथ की सजावट के लिए खास तौर से ओडिशा के पीपली के विशेष कपड़ा मंगाया गया है.
रथ की सजावट में हर साल बदलता है कपड़ा-लकड़ी
उत्कल सेवा समिति के सचिव डॉ यू मोहंती ने बताया कि रथ की सजावट में कपड़ा व लकड़ी हर साल बदलता है. लोहा के बने फ्रेम व चक्के की मरम्मत के बाद प्राइमर किया जाता है. रथ के लिये कपड़ा का ऑर्डर दे दिया गया है. यात्रा से एक सप्ताह पूर्व तक कपड़ा आ जायेगा. स्थानीय टेलर कपड़े को रथ की साज-सजावट के लिए तैयार करेंगे. लकड़ी का काम धीरे-धीरे चल रहा है. रथ की मरम्मत व निर्माण के बाद रंग-रोगन का काम शुरू होगा. बोकारो स्टील प्लांट के निदेशक प्रभारी अमरेंदु प्रकाश छेरापहरा की परंपरा का निर्वहन करेंगे. भगवान के स्नान यात्रा के बाद 15 जून से मंदिर का कपाट बंद हो जायेगा, जो 30 जून को खुलेगा. 01 जुलाई को रथ यात्रा निकलेगी. भगवान जगन्नाथ मौसीबाड़ी श्रीराम मंदिर जायेंगे.
14 जून को शीतल जल में स्नान करेंगे भगवान जगन्नाथ
रथयात्रा से 15 दिन पहले महाप्रभु भगवान जगन्नाथ शीतल जल में 14 जून को स्नान करेंगे. कोरोना महामारी के दो साल बाद श्रद्धालु भक्त महाप्रभु का अभिषेक कर सकेंगे. जगन्नाथ मंदिर में स्नान यात्रा को लेकर भी तैयारी शुरू हो गयी है. मंदिर में 14 जून को स्नान यात्रा का आयोजन होगा. साल में केवल एक बार स्नान यात्रा के दिन भगवान जगन्नाथ भक्तों को गजवेश में दर्शन देते हैं. स्नान के बाद 14 जून को भगवान बीमार हो जायेंगे. इसके बाद अगले 15 दिनों के लिए मंदिर के कपाट भक्तों के लिए बंद कर दिए जायेंगे. जिससे महाप्रभु के दर्शन नहीं होंगे. एक पखवाड़े तक मंदिर के पट बंद रहेंगे. भगवान एक जुलाई को स्वस्थ होंगे और रथ पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे. इसे रथयात्रा (गुंडिचा) कहा जाता है.


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