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धान खरीद केंद्रों में भंडारण हेतु शेड व गोदाम की कमी
राउरकेला: सुंदरगढ़ जिले के धान खरीद केंद्रों (पीपीसी) में भंडारण हेतु शेड व गोदाम की कमी है। इस कारण धान खरीद में देरी हो रही है। जिससे किसानों को अपना धान बेचने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। सुंदरगढ़ जिला प्रशासन ने नए गोदाम स्थापित करने और इस मुद्दे को हल करने के उपाय शुरू किए हैं। चावल मिलों द्वारा समय पर धान नहीं उठाने से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हो रहा है। चूंकि, पीपीसी में भंडारण सबसे बड़ी समस्या है। फलस्वरूप चावल मिलों द्वारा वाहन उपलब्ध न कराए जाने तक किसानों से धान नहीं खरीदा जाता हैं। नतीजतन, किसान खराब मौसम में निजी जोखिम पर खुले में धान रखकर मंडियों के बाहर कई दिनों तक इंतजार करते हैं। हालांकि 18.27 लाख क्विंटल लक्ष्य के साथ 15 दिसंबर को खरीद शुरू होने के बाद से अब तक पहले चरण में से करीब 1.20 लाख क्विंटल धान की खरीद हो चुकी है। खरीद में देरी से लैप्स हो रहे किसानों के टोकन
इधर, खरीद में देरी के कारण कई किसानों के बिक्री टोकन लैप्स हो जाते है। जिससे उन्हें खरीद प्रक्रिया से बाहर होना पड़ता है। क्योंकि उनके टोकन की वैधता एक महीने से कम की होती है। मौजूदा प्रणाली के तहत, किसानों के लिए कोई विकल्प उपाय उपलब्ध नहीं है। इस कारण संबंधित पीपीसी इन कारणों को जानने के बाद अपने नियंत्रण से परे जाकर किसानों से उनकी खरीद करने में विफल रहती हैं। 13 मिलर 135 पीपीसी से धान खरीदने को अधिकृत
जिले की 13 चावल मिलों को 135 पीपीसी से धान खरीदने के लिए अधिकृत किया गया है। खरीद में तेजी लाने के लिए हाल ही में पड़ोसी जिले की 10 और चावल मिलों को इन पीपीसी से जोड़ा गया है। लेकिन किसानों की परेशानी खत्म नहीं हुई है। उदाहरण के लिए, सदर ब्लॉक में उज्ज्वलपुर लैंपस (बड़े और बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों) ने मिल मालिकों के नहीं आने से खरीद रोक दी है। जबकि 16 किसानों के टोकन समाप्त हो गए हैं और अगले कुछ दिनों में 200 और टोकन समाप्त हो सकते हैं। पीपीसी केंद्रों में भंडारण की समस्या है। इसके समाधान के लिए 500 टन क्षमता के पांच गोदामों को विभिन्न बाजार यार्डों में कार्यात्मक बनाया गया है। एलएएमपीसीएस से सटे छह नए गोदाम जिला खनिज फाउंडेशन से योगदान से बनाए गए है। जबकि सात अन्य निर्माणाधीन गोदाम अगले खरीद सत्र से पहले तैयार हो जाएंगे। आदर्श रूप से, जिले के सभी 44 एलएएमपीसीएस के पास अपने गोदाम होने चाहिए। 500 टन क्षमता के 25 अन्य गोदाम स्थापित करने के लिए भूमि की पहचान की गई है और सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। भंडारण की समस्या को पूरी तरह से दूर करने में दो साल से अधिक समय लगेगा।
-रश्मिलता बेहरा, उप रजिस्ट्रार (डीआरसीएस), सुंदरगढ़
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