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राउरकेला शहर के विकास में अतिक्रमण बाधक बना है
राउरकेला : राउरकेला शहर के विकास में अतिक्रमण बाधक बना है। करोड़ों की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा है जिसे नहीं हटाये जाने से वर्षों से विकास योजनाओं पर काम नहीं हो पा रहा है। योजनाओं के लिए पहचान की गई सरकारी जमीन पर भी रातों रात अवैध कब्जा हो रहा है। छेंड कालोनी में 2008 में हाउसिग प्रोजेक्ट के लिए आवंटित 108 एकड़ जमीन में से 50 एकड़ पर अवैध कब्जा हो चुका है जिससे परियोजना पर काम रुका है। रेलवे की बहुप्रतीक्षित थर्ड लाइन का काम भी अतिक्रमण के चलते आगे नहीं बढ़ पा रहा है। बार बार केवल नोटिस दी जा रही है। अतिक्रमण हटाकर काम शुरू करने का साहस प्रशासन व रेलवे नहीं जुटा पा रहे हैं।
ओडिशा के सबसे बड़ी हाउसिग कालोनी छेंड में, हाउसिग प्रोजेक्ट के लिए 108 एकड़ जमीन दी गई थी। इस जमीन पर 20 हजार घर बनाकर आवंटित करने की घोषणा की गई थी। इस योजना पर काम नहीं होने के कारण करीब 50 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा हो गया एवं घर बना कर लोग रह रहे हैं। आंचलिक वाणिज्य सहकारिता समिति की कीमती जमीन पर प्रभावशाली लोगों का कब्जा है। उदितनगर कचहरी रोड मंगल भवन के पास भी चार दशक से अधिक समय से कीमती जमीन पर कब्जा है जिसे नहीं हटाया सका है। जिससे यहां नगर निगम की योजना का काम नहीं हो पा रहा है। मालगोदाम के पास रेलवे ओवरब्रिज के लिए जमीन को खाली नहीं कराया जा सका है उन्हें केवल बार बार नोटिस दिया जा रहा है। रेलवे की थर्ड लाइन का काम बंडामुंडा तक हो चुका है। राउरकेला स्टेशन से पानपोष तक नौ से अधिक बस्तियां हैं जिन्हें नहीं हटाये जाने के कारण काम रुका हुआ है। कोर्ट से रेलवे के पक्ष में फैसला आने के बावजूद अतिक्रमण हटाने की दिशा में जिला प्रशासन की ओर से पहल नहीं की जा रही है। रेलवे एवं प्रशासन की बैठक बार बार होने के बावजूद नतीजा नहीं निकल रहा है। ओडिशा हाउसिग बोर्ड की जमीन पर भी अवैध कब्जा होने के कारण काम नहीं हो रहा है। राउरकेला सरकारी अस्पताल का जमीन पर भी अवैध कब्जा है जहां विकास का काम प्रभावित हो रहा है।
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