ओडिशा

जगन्नाथ मंदिर में निर्माण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, जानें पूरा मामला

Renuka Sahu
31 May 2022 6:12 AM GMT
Hearing in the Supreme Court against the construction of Jagannath temple today, know the whole matter
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फाइल फोटो 

ओडिशा के श्री जगन्नाथ मंदिर में कथित रूप से अवैध उत्खनन और निर्माण कार्य के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ओडिशा के श्री जगन्नाथ मंदिर में कथित रूप से अवैध उत्खनन और निर्माण कार्य के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। श्री जगन्नाथ मंदिर में ओडिशा सरकार उत्खनन और निर्माण कार्य करवा रही है। सोमवार को इस मामले का उल्लेख किए जाने पर जस्टिस बीआर गवई और हिमा कोहली की पीठ ने याचिका मंगलवार को सुनवाई पर लगाने का निर्देश दिया।

शीर्ष अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार को भी नोटिस जारी करने को कहा, जो श्री जगन्नाथ मंदिर से जुड़े मामले में न्याय मित्र और राज्य के वकील हैं। याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य की एजेंसियां जिस तरह से काम कर रही हैं, वह पूरी तरह से प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 का उल्लंघन है। ओडिशा सरकार अनधिकृत तरीके से निर्माण कार्य करा रही है। इससे इस प्राचीन मंदिर के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है।
दरअसल, याचिकाकर्ता के वकील ने जगन्नाथ मंदिर में अतिक्रमण के मामले में सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की थी। याचिकाकर्ता का कहना है कि अवैध खुदाई के कारण मंदिर को खतरा है। उन्होंने अदालत को बताया कि वहां पुनर्निर्माण की कोई अनुमति नहीं है लेकिन अतिक्रमण के साथ ही निर्माण कार्य भी जारी हैं।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने पूछा कि क्या इस मामले में हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है? याचिकाकर्ता सुमंत कुमार गढ़ेई के वकील गौतम दास ने जवाब दिया कि अर्जी तो दाखिल की है लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को ही मामले की सुनवाई करे। अदालत ने कहा कि अर्जी की कापी केस के एमाईकस और राज्य के वकीलों को भी दी जाए। अदालत मंगलवार को मामले की सुनवाई करेगी। इस मामले में ओडिशा हाईकोर्ट में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने हलफनामा दायर कर कहा था कि गहरी खुदाई से मंदिर को नुकसान पहुंचने की आशंका है। याचिका में कहा गया है कि मंदिर के परिसर में मेघनाद पछेरी मंदिर के पास तीस फुट गहराई तक खुदाई की गई है। इससे मंदिर की बुनियाद को खतरा हो सकता है।
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