ओडिशा

खुशी का माहौल! राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बाद जिले की एक और बेटी संभाल सकती है बड़ा पद

Subhi
28 Aug 2022 4:21 AM GMT
खुशी का माहौल! राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बाद जिले की एक और बेटी संभाल सकती है बड़ा पद
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ओडिशा के मयूरभंज जिले के रायरंगपुर अनुमंडल के लोग इस बात से खुश हैं कि द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने के करीब एक महीने बाद इस धरती की एक और बेटी राष्ट्रीय समाचारों की सुर्खियां में हैं।

ओडिशा के मयूरभंज जिले के रायरंगपुर अनुमंडल के लोग इस बात से खुश हैं कि द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने के करीब एक महीने बाद इस धरती की एक और बेटी राष्ट्रीय समाचारों की सुर्खियां में हैं। लोग इस बात से खुश हैं कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन उनके खिलाफ खनन पट्टा के मामले में बर्खास्त होने की स्थिति में अपने पति की जगह ले सकती हैं। कल्पना सोरेन बहलदा प्रखंड के तेंताला गांव की रहने वाली हैं। कल्पना सोरेन के पिता अम्पा मुर्मू ने कहा, ''मैं खुश भी हूं और दुखी भी। मैं दुखी हूं क्योंकि मेरे दामाद हेमंत सोरेन राजनीतिक उथल-पुथल का सामना कर रहे हैं। मैं खुश भी हूं कि मेरी बेटी कल्पना को मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा हो रही है।'' अम्पा मुर्मू ने कहा, ''हम ऐसी स्थिति में हैं जहां सिक्के के दोनों पहलू हमारे पक्ष में हैं। कुछ भी हो, जीत हमारी है।''

हेमंत सोरेन पत्नी को बना सकते हैं सीएम

बता दें, झारखंड के मुख्यमंत्री की पद कभी भी हेमंत सोरेन से छिन सकती है। 'लाभ के पद' के मामले में चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बर्खास्त किए जाने की खबरें सुर्खियों में है। विधायकी जाने के बाद हेमंत सोरेन अपनी पत्नी या मां में से किसी एक को सीएम बना सकते हैं। हालांकि इस विकल्प का इस्तेमाल करना सोरेन के लिए आसान नहीं होगा क्योंकि इसके लिए उन्हें गठबंधन के बाकी सदस्यों की भी सहमति चाहिए होगी। इसके अलावा परिवार में भी सबको मनाना जरूरी होगा क्योंकि सोरेन की भाभी सीता सोरेन भी विधायक हैं। ऐसे में इस विकल्प का इस्तेमाल करना सोरेन के लिए आसान नहीं दिख रहा है।

बीजेपी के डर से रांची से खूंटी शिफ्ट हुए विधायक

राज्य में सियासी उथल-पुथल के बीच हेमंत सोरेन 41 विधायकों के साथ खूंटी में लतरातू डैम पर बने रिजॉर्ट में अपना डेरा डाल चुके हैं। इन विधयाकों में कांग्रेस, झामुमो और आरजेडी के विधायक शामिल हैं। पर्दे के पीछे से सभी विधायकों को रांची से बाहर ले जाने की तैयारी पहले से ही चल रही थी। सत्तारूढ़ गठबंधन के सूत्रों ने कहा था कि यह सुनिश्चित करने के लिए रणनीति बनाई जा रही है कि सरकार को कोई खतरा ना हो। झामुमो के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन में एक महत्वपूर्ण सहयोगी कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने कहा था कि पश्चिम बंगाल, बिहार या छत्तीसगढ़ जैसे 'मित्र राज्य' में एक रिसॉर्ट में विधायकों को रखा जाएगा ताकि बीजेपी उन्हें अपने जाल में नहीं फंसा पाए।


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