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जगन्नाथ मंदिर की 92 एकड़ 93 डिसमिल जमीन की हड़प
राउरकेला : सुंदरगढ़ के राजबाटी स्थित जगन्नाथ मंदिर की 92 एकड़ 93 डिसमिल जमीन को हड़प लिया गया है। 20 साल से यहां भ्रष्ट व्यक्ति तथा पूर्व प्रभावशाली प्रशासक ने कब्जा कर जमीन अपने नाम कर लिया है। पूर्व आइएएस अधिकारी शिशिर कुमार नायक का नाम भी इसमें सामने आ रहा है। प्रशासक एवं उनके भाई के नाम पर 56 एकड़ जमीन है। जगन्नाथ मंदिर की जमीन हड़पने की घटना के बाद भक्तों में असंतोष है। हिन्दू एकता मंच के द्वारा उत्तरांचल राजस्व आयुक्त से इसकी शिकायत की गई है। संबलपुर देवोत्तर विभाग के सहायक उप आयुक्त ने भुवनेश्वर देवोत्तर विभाग को जमीन मंदिर के नाम फिर से कराने के लिए पत्र लिखा है।
सुंदरगढ़ हिन्दू एकता मंच की ओर जमीन गलत तरीके से हथियाने को लेकर आवाज उठाने के साथ 8 फरवरी 2018 को उत्तरांचल राजस्व आयुक्त कार्यालय का घेराव किया गया था। 15 जून 2018 को संबलपुर देवोत्तर विभाग के सहायक उप आयुक्त ने भुवनेश्वर देवोत्तर विभाग को जमीन वापस कराने के लिए पत्र लिखा था। पर अब तक जगन्नाथ मंदिर के नाम पर जमीन वापस नहीं की गई है। इसमें देवोत्तर विभाग की भूमिका को लेकर भी सवाल उठाये जा रहे हैं। हिन्दू एकता मंच की ओर से कहा गया है कि सुंदरगढ़ सबडेगा तहसील अंतर्गत डमकुड़ा पंचायत के डमकुड़ा मौजा में खाता नंबर 192 में जगन्नाथ महाप्रभु के नाम पर 93 एकड़ 06 डिसमिल जमीन थी। राज्य देवोत्तर आयोग में इसका पंजीकरण भी हुआ है। 2001 में 92 एकड़ 93 डिसमिल जमीन को हड़प लिया गया। अब मंदिर के पास केवल 47 डिसमिल जमीन है। जब मंदिर प्रबंधन को इसका पता चला तो उस जमीन को वापस लाने के लिए सभी तरह के प्रयास किए गए। 2001 में बंदोबस्त के समय ये जमीन 14 लोगों के नाम होने का पता चला था। इनमें पूर्व आइएएस अधिकारी शिशिर कुमार नायक के नाम पर 14 एकड़ 55 डिसमिल, भाई अर्जन नायक के नाम पर 14 एकड़ 66 डिसमिल, गोवर्द्धन नायक के नाम पर 14 एकड़ 25 डिसमिल तथा एक और व्यक्ति के नाम पर 13 एकड़ 14 डिसमिल जमीन है। इसी तरह केशव चंद्र नायक के नाम पर एक खाते में 14 एकड़, 65 एकड़ तथा दूसरे खाते में 8 एकड़ 97 डिसमिल जमीन है। योगेश्वर दंडसेना, खगेश्वर दंडसेना, जलेश्वर दंडसेना, अशोक कुमार नायक, बासु दंडसेना, युगल दंडसेना, मधु दंडसेना, बुधराम दंडसेना, नाथ दंडसेना, प्रुसेट दंडसेना के नाम पर भी जमीन दी गई है। इसकी जानकारी मिलने के बाद हिन्दू एकता मंच के नेता जनार्दन पाणिग्राही की अगुवाई में दिसंबर 2017 में तत्कालीन जिलापाल से इसकी शिकायत की गई। उन्होंने उपजिलापाल व तहसीलदार को इसकी जांच का निर्देश दिया पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद भाजपा नेता हिमांशु षाड़ंगी की अगुवाई में संबलपुर उत्तरांचल राजस्व आयुक्त कार्यालय का घेराव किया गया था। इसके चार साल बीत गए पर विभाग की ओर से मंदिर को जमीन वापस नहीं कराया जा सका।
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Gulabi
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