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आइटीडीए में आठ करोड़ के टेंडर की फिक्सिग
राउरकेला : पानपोष आइटीडीए के हर काम में अनियमितता देखी जा रही है। मो स्कूल अभियान में जिले में 80 प्रतिशत काम बिना टेंडर के किए जा रहे हैं। सरकार के निर्देश का उल्लंघन कर 10 स्कूलों के विकास का काम बिना टेंडर के होने से विवाद हुआ था। अब इसी तरह के आठ करोड़ के टेंडर फिक्सिग होने का मामला सामने आने के बाद पानपोष उपजिलापाल ने लॉटरी के जरिए ठेकेदारों को फिर से काम सौंपा है। इसमें आइटीडीए के उप कार्यपालक अभियंता सुरेंद्र बेहरा पर अंगुली उठ रही है।
उपजिलापाल दौलत चंद्राकर ने बताया है कि गलत तरीके से काम हासिल करने वाले ठेकेदारों का ठेका रद किया गया और फिर से लॉटरी के जरिए एल-1 ठेका संस्थाओं को काम दिया गया है। भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों व अभियंता के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने को लेकर भी सवाल उठाये जा रहे हैं। झीरपानी सरकारी हाईस्कूल के नवीकरण एवं सुविधा प्रदान करने के लिए आइटीडीए की ओर से आठ करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई तथा काम के लिए टेंडर बुलाया गया। इसमें आठ संस्थाओं ने हिस्सा लिया। इनमें गोलक प्रसाद महापात्र, अक्षय कुमार महापात्र, मेसर्स जेड्स कंस्ट्रक्शन, नरोत्तम सामल, आरओश्री कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, प्रनीर इंफ्रोकन प्राइवेट लिमिटेड, विजय कुमार अग्रवाल, प्रमोद साहू शामिल थे। प्रमोद कुमार साहू को 9.90 से कम, आरओश्री को 9.90 काम दिया गया। सरकार के नियम के अनुसार 9.99 से कम का टेंडर डालने वाले एल-1 ठेका संस्था को काम मिलना चाहिए। उप कार्यपालक अभियंता के द्वारा एल-2 ठेका संस्था को काम दिया गया। ठेका लेने के इच्छुक तीन एल-1 ठेका संस्थाओं ने आइटीडीए प्रभारी परियोजना निदेशक दौलत चंद्राकर का ध्यान आकृष्ट किया। इसके बाद भी उप कार्यपालक अभियंता एल-2 ठेकेदार को काम देने का प्रयास करते रहे। दस्तावेजों की जांच करने पर गड़बड़ी पकड़ी गई। आरओश्री के ठेका में गड़बड़ी पाये जाने पर उसे रद किया गया। अन्य दो को लॉटरी के जरिए काम दिया गया। वर्षों से सुंदरगढ़ एवं पानपोष आइटीडीए का दायित्व संभालने वाले उप कार्यपालक अभियंता तबादला के बाद भी पद नहीं छोड़ रहे हैं। गड़बड़ी पकड़े जाने के बाद भी उनके खिलाफ विभाग की ओर से कार्रवाई नहीं हो रही है।
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