बामड़ा : चालू खरीफ सीजन में कुचिंडा अनुमंडल स्थित जमनकिरा प्रखंड के 21 पंचायतों में कम बारिश होने के कारण धान की फसल को क्षति हुई है। कृषि विभाग व राजस्व विभाग की ओर से सूखा का गलत आकलन कर रिपोर्ट बनाने पर अंचल के किसानों में असंतोष हैं। किसान नेता कुशध्वज चौधरी की अगुवाई में किसानों ने गुरुवार को जमनकिरा केनाल संलग्न जमीन पर हुई खेती के नुकसान को दिखाने के लिए कृषि अधिकारी लोचन चंद्र माझी व अतिरिक्त तहसीलदार गोपीनाथ खाखा को बुलाया था। ग्रामीणों ने उनसे पूछा कि फसल बर्बाद होने के बाद भी 21 पंचायत में किसी प्रकार के नुकसान नहीं होने की रिपोर्ट डीएम को किस आधार पर सौंपी गई है। इस दौरान किसानों ने दोनों अधिकारियों को किसानों ने तीन घंटे तक बंधक बना कर रखा। गलत रिपोर्ट सौंपे जाने से किसानों को इनपुट सब्सिडी का लाभ नहीं मिल पाएगा। कुछ देर बाद तहसीलदार सौम्या रूपा रथ भी घटना स्थल पर पहुंचे और गलत आकलन कर रिपोर्ट दिए जाने की बात मानी। कहा, दोबारा सही रिपोर्ट बनाकर संबलपुर डीएम को भेजा जाएगा। रिपोर्ट की एक प्रति किसान संगठन को भी सौंपी जाएगी। इसके बाद किसानों ने अधिकारियों को मुक्त किया। कृषि विभाग और तहसीलदार ने बिना सर्वे किए प्रखंड के 21 पंचायतों में फसलों को किसी प्रकार की क्षति नहीं होने की रिपोर्ट संबलपुर डीएम को सौंपा था। इसे लेकर किसान संगठन आक्रोशित थे। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष निर्धारित बारिश से 27 प्रतिशत कम बारिश हुई है, जिसका असर फसल पर पड़ा है। लगभग सभी जगहों पर फसल बर्बाद हो गए हैं।