ओडिशा

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की ओर से अब्दुल कलाम द्वीप से मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया

Gulabi
22 Dec 2021 6:10 AM GMT
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की ओर से अब्दुल कलाम द्वीप से मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया
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मिसाइल के क्षेत्र में हम किसी से कम नहीं है
बालेश्वर. भारत का डीआरडीओ ने अपने पिटारे से एक एक मिसाइलों को निकालकर आए दिन ओडिशा के तटवर्तीय परीक्षण केंद्र से इन मिसाइलों का परीक्षण करता चला आ रहा है। दिसंबर के महीने में तो अग्नि-5 समेत कई भारी-भरकम बैलेस्टिक से लेकर क्रूज मिसाइलों का सफलतापूर्वक परीक्षण कर भारत ने यह प्रमाणित कर दिया है कि मिसाइल के क्षेत्र में हम किसी से कम नहीं है।
आज बुधवार को इसी कड़ी में डीआरडीओ ने यानी की रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की ओर से अब्दुल कलाम द्वीप से सुबह 10:30 पर प्रलय नामक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया जमीन से जमीन पर प्रहार करने वाला यह कम दूरी का मिसाइल करीब 500 किलोमीटर तक प्रहार करने की ताकत रखता है तथा यह अपने साथ 1000 किलोग्राम वजन तक विस्फोटक ढोने की क्षमता रखता है।
सूत्रों की माने तो डीआरडीओ ने 2015 मार्च में इस मिसाइल का जिक्र किया था। अपने वार्षिक रिपोर्ट में यह बैलेस्टिक मिसाइल प्रलय है चीन के बैलेस्टिक मिसाइलों का सामना करने में पूरी तरह सक्षम है प्रलय मिसाइल को जमीन के साथ-साथ कनस्टर से भी दागा जा सकता है। इस मिसाइल को इस तरह से बनाया गया है कि यह दूसरे शॉर्ट रेंज बैलेस्टिक मिसाइलों की तुलना में ज्यादा घातक है। यह अपने हमले को सटीक निशाने के साथ-साथ ध्वस्त करने में पूरी तरह कामयाब होगा।
इस मिसाइल में अत्याधुनिक साजों सामान से लैस किया गया है जो कि वर्तमान समय की मांग है यहां उल्लेखनीय है कि विदेशी देश चीन और पाकिस्तान भारत के मिसाइल परीक्षण का विरोध करते चले आ रहे हैं इसके बावजूद भी भारत का डीआरडीओ इनकी फिक्र किए बिना अपने मिसाइलई कार्यक्रमों को जारी रखे हुए हैं । सूत्रों की माने तो आने वाले दिनों में और कई अत्याधुनिक मिसाइलों का भारत चांदीपुर के परीक्षण रेंज और अब्दुल कलाम द्वीप के परीक्षण रेंज से किए जाने की संभावना है।
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