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अस्पताल से रोगी को लौटा दिए जाने व घर के बरामदे में स्लाइन चढ़ाकर रोगी का इलाज करने के मामले को लेकर विवाद तूल पकड़ रहा है
झारसुगुड़ा : अस्पताल से रोगी को लौटा दिए जाने व घर के बरामदे में स्लाइन चढ़ाकर रोगी का इलाज करने के मामले को लेकर विवाद तूल पकड़ रहा है। अस्पताल बंद होने का समय 12 बजे है। रोगी 11.15 बजे अस्पताल पहुंचा और 12 बजे स्लाइन खत्म नहीं होने की बात कह कर उसे बिना इलाज लौटा दिया गया। इसके बाद संबंधित मरीज का इलाज घर पर किया गया। लैयकरा ब्लाक के साहसपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में घटित इस घटना की जांच शुरू कर दी गई है।
साहसपुर गांव निवासी सुशांत नायक की बेटी सोनाली नायक को उल्टी दस्त हो रही थी। परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि सोनाली की हालत बिगड़ने पर सुबह 11:15 बजे उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। उस समय वहां एक स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट और तीन दिनों के लिए डेपुटेशन पर आए आयुष डाक्टर उपस्थित थे। स्वास्थ्य केंद्र 12 बजे बंद होता है। सोनाली को अस्पताल बंद होने के 45 मिनट पूर्व लाया गया था। स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ व डाक्टर ने कहा कि यदि स्लाइन चढ़ाया जाएगा अस्पताल बंद होने के समय तक खत्म नहीं होगा। इसलिए रोगी के रक्तचाप की मापी कर उसे रविवार को स्लाइन लेने की बात कह लौटा दिया गया। परिवार के लोग उसे घर ले आए और गांव के एक व्यक्ति को बुलाकर घर के बरामदे में स्लाइन चढ़वाया। स्वास्थ्य केंद्र के फार्मासिस्ट चितरंजन परिडा ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र में लैब टेक्निशियन नहीं था। वह कलेक्शन किए गए नमूनों की जांच कर रहा था। इसलिए उसे इस मामले की जानकारी नहीं थी। ब्लाक मेडिकल आफिसर डा. घनश्याम सोरेन ने बताया कि रोगी का रक्तचाप 110/70 था। इसलिए उसे स्लाइन देना ठीक नहीं था। इधर, स्वास्थ्य केंद्र बंद करने का समय होने की बात कह रोगी को वापस भेजने के मामले पर ग्रामीणों में असंतोष है। ग्रामीणों ने जिलापाल से चिकित्सकीय परामर्श के बिना स्लाइन चढ़ाने की घटना की जांच कराने की मांग की है।
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