ओडिशा

होटल व सिनेमा हॉल के बहाने जमीन हड़पने की साजिश, प्रशासनिक अधिकारी और इडको की संदिग्ध भूमिका

Gulabi
13 Nov 2021 8:07 AM GMT
होटल व सिनेमा हॉल के बहाने जमीन हड़पने की साजिश, प्रशासनिक अधिकारी और इडको की संदिग्ध भूमिका
x
उद्यमी व व्यवसायियों के निशाने पर सिविल टाउनशिप की कीमती जमीन है

राउरकेला : उद्यमी व व्यवसायियों के निशाने पर सिविल टाउनशिप की कीमती जमीन है। लैंड अलाटमेंट कमेटी व जिला प्रशासन के कुछ प्रभावशाली अधिकारियों की सांठगांठ से कीमती जमीन सस्ते में हड़पने की साजिश रची जा रही है। रिलायबल स्पंज को जमीन देने के बाद अब चार और संस्थाओं को होटल व सिनेमा हॉल निर्माण की आड़ में जमीन देने का मामला सामने आया है। इसमें प्रशासनिक अधिकारी व इडको की भूमिका संदिग्ध है।


इडको के द्वारा सिविल टाउनशिप की कीमती जमीन रिलायबल स्पंज को सौंपे जाने का मामला सामने आया था। इस जमीन घोटाले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। अब होटल व सिनेमा हॉल निर्माण के बहाने दो व्यवसायियों को जमीन देने के लिए पर्यटन विभाग से इडको को पत्र लिखने का मामला समाने आया है। इसके जरिए दो व्यवसायियों को सिविल टाउनशिप की 65 डिसमिल जमीन देने की साजिश की जा रही है। पर्यटन विभाग के पत्रांक 4493 दिनांक 12 मई 2021 में इडको के अधिकारी को विवादित 1 एकड़ 25 डिसमिल जमीन में से 65 डिसमिल जमीन दो व्यवसायियों को सस्ते दाम पर देने के लिए पत्र लिखा गया है। इडको मुख्यालय भुवनेश्वर से मिले तथ्य के अनुसार यूनिट-42 से 40 डिसमिल जमीन होटल द न्यू व्यू निर्माण के लिए मेसर्स एसआर टेक्निकल को तथा मल्टीप्लेक्स निर्माण के लिए 25 डिसमिल जमीन मेसर्स एमटीवी सिनेमेजिक को दी जाने वाली है। होटल निर्माण के लिए संबंधित संस्था द्वारा 9.26 करोड़ तथा मल्टीप्लेक्स निर्माण के लिए 4.50 करोड़ रुपये खर्च करेंगे। सबसे अहम बात यह है कि उक्त जमीन पर मालिकाना हक इडको का नहीं है। इसके बावजूद दो संस्थाओं को जमीन देने की सिफारिश की गई है। इडको के जमीन घोटाले पर भाजपा व कांग्रेस की ओर से पहले ही सवाल उठाये गए हैं तथा इसे अदालत में चुनौती भी दी गई है।





Ads by Jagran.TV
उल्लेखनीय है कि सिविल टाउनशिप में इडको टावर निर्माण के लिए 1.25 एकड़ जमीन प्रदान किया गया था। इसमें से 20 प्रतिशत जिला प्रशासन को देना था जबकि शेष में भुवनेश्वर की भांति इडको टावर का निर्माण होना था। यहां पर विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी कार्यालय बनाने की योजना थी। 2021 में विवादित तहसीलदार मानस रंजन साहू ने एक लाख रुपये डिसमिल की दर रिलायबल स्पंज को देने का निर्देश दिया था। इस जमीन पर इडको का मालिकाना हक नहीं होने के बावजूद संस्था के द्वारा ग्रैंड ओडिशा नाम का होटल बनाने की तैयारी की जा चुकी थी। हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर होने पर निर्माण पर रोक लगी है एवं जांच के लिए राज्य सरकार के द्वारा राजस्व विभाग को निर्देश दिया गया है। साजिश का भंडाफोड़ होने पर व्यवसायी मुश्किल में पड़ गए हैं।


Next Story