ओडिशा

CM नवीन पटनायक ने जन सेवा में पूरे किए 25 साल, ओडिशा की जनता को मानते हैं अपना परिवार

Kunti Dhruw
1 Jun 2022 4:12 PM GMT
CM नवीन पटनायक ने जन सेवा में पूरे किए 25 साल, ओडिशा की जनता को मानते हैं अपना परिवार
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ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 1997 से 2022 तक जन सेवा में 25 साल का समय ना सिर्फ सफलता के साथ पूरा किया है।

भुवनेश्वर, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 1997 से 2022 तक जन सेवा में 25 साल का समय ना सिर्फ सफलता के साथ पूरा किया है, बल्कि विरोधी पार्टियों के लिए अप्रतिद्वंदी बन गए हैं। पंचायत चुनाव हो या फिर नगर निगम व निकाय चुनाव, विधानसभा का चुनाव हो या सोकसभा व राज्यसभा का चुनाव नवीन पटनायक हर चुनाव में नवीन पटनायक का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। पिछले 2019 के आम चुनाव में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लहर पूरे देश में देखी गई, मगर ओडिशा में नवीन पटनायक के सामने कोई भी लहर काम नहीं आई। 25 साल पहले आज ही के दिन नवीन पटनायक पहली बार सांसद चुने गए थे। एक जून, 1997 को आसिका लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज कर नवीन पटनायक संसद पहुंचे थे। तब से लेकर आज तक 25 साल का समय गुजर गया और नवीन पटनायक ओडिशा की राजनीति में अप्रतिद्वंदी बने हुए हैं। दो बार सांसद व केंद्र मंत्री का दायित्व संभालने के बाद नवीन पटनायक ने प्रदेश की बागडोर संभाली। प्रदेश की जनता ने उन्हें लगातार पांचवीं बार मुख्यमंत्री के सिंहासन पर तौर पर स्वीकार किया।


इस तरह बढ़ी लोकप्रियता

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राजनीतिक क्षेत्र में सफलता की नित नई कहानियां रच रहे नवीन पटनायक को प्रदेश की जनता ऐसे ही उन पर विश्वास नहीं करती है बल्कि नवीन पटनायक भी प्रदेश की साढ़े चार करोड़ जनता को अपना परिवार मानते हैं। राज्य वासियों के हित व समृद्धि के लिए लगातार काम करते जा रहे हैं। विकास का नया नक्शा व प्रगति की धारा को साथ में लेकर प्रदेश में सुशासन का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। नवीन पटनायक सरकार की मो सरकार (मेरी सरकार) योजना की सफलता, बीएसकेवाई का वरदान, भ्रष्टाचार मुक्त शासन, सभी को शिक्षा, स्वास्थ्य व आध्यात्मिक क्षेत्र का नव कलेवर उनकी सफलता के प्रमुख अस्त्र हैं। इसके साथ ही खेल की दुनिया में ओडिशा के स्वाभिमान को शीर्ष पर पहुंचाना, मिशन शक्ति की सफलता उनकी अनूठी योजनाओं में से एक है। यही कारण है कि नवीन पटनायक की लोकप्रियता के सामने विरोधी दलों की सभी रणनीतियां धरी की धरी रह जा रही हैं।


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