ओडिशा
ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की बढती कीमतों के खिलाफ बीजद पूरे ओडिशा में करेगा प्रदर्शन
Deepa Sahu
30 Oct 2021 6:19 PM GMT
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ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढोत्तरी के लिये भाजपा नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए.
भुवनेश्वर, ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढोत्तरी के लिये भाजपा नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए शनिवार को प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शनों की घोषणा की। पार्टी प्रवक्ताओं और वरिष्ठ विधायकों- पी के देब, अतनु एस नायक और प्रमिला मलिक - ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की।
पार्टी नेताओं ने कहा कि आंदोलन के हिस्से के रूप में, बीजद नेता और सदस्य रविवार को यहां राजभवन के सामने धरने पर बैठेंगे और राज्यपाल गणेशी लाल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम एक ज्ञापन सौंपेंगे । प्रदेश सरकार की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक ने कहा कि बीजद सोमवार को राज्य के सभी 147 विधानसभा क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन करेगा । क्षेत्रीय पार्टी ने केंद्र सरकार के ''त्रुटिपूर्ण'' आर्थिक प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया, जिसके कारण पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि हुई।
बीजद नेताओं ने अप्रत्याशित मूल्य वृद्धि को ''दुर्भाग्यपूर्ण'' और ''अक्षम्य'' करार देते हुए कहा कि 2019 में केंद्र में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से ईंधन की कीमतों में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे अप्रत्यक्ष रूप से आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में 40 प्रतिशत से 100 फीसदी की वृद्धि हुई है। सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने कहा कि पिछले दो वर्षों में कोविड-19 महामारी ने पहले ही आम लोगों की आजीविका को प्रभावित किया है और ईंधन एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि ने उनके संकट को बढ़ा दिया है।
तीनों नेताओं ने कहा कि पिछले दो वर्षों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है और बीजद कभी भी इस मुद्दे पर चुप नहीं रहेगी और जनहित में आवाज उठाएगी हालांकि, भाजपा प्रवक्ता गोलक नायक ने कहा कि ईंधन की कीमतों में वृद्धि राज्य सरकार के उच्च कर के कारण है।
नायक ने कहा, ''अगर बीजद वास्तव में चिंतित है, तो उसे राज्य सरकार को उच्च कर में कटौती का सुझाव देना चाहिए ।'' भाजपा नेता ने कहा कि इस तरह के विरोध प्रदर्शनों का आयोजन करके सत्तारूढ़ दल कालाहांडी महिला शिक्षक हत्या मामले से ध्यान भटकाने का प्रयास है, जिसमें राज्य सरकार के मंत्री पर आरोप लग रहे हैं ।
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