ओडिशा
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बीजद भारी जीत की ओर, ओडिशा सरकार पर बीजेपी ने लगाए चुनाव में धन बल का प्रयोग करने का आरोप
Renuka Sahu
1 March 2022 1:13 AM GMT
x
फाइल फोटो
ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में विपक्षी भाजपा और कांग्रेस को काफी पीछे छोड़ते हुए भारी जीत की ओर बढ़ रहा है. सो
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ओडिशा (Odisha) में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Panchayat Election) में विपक्षी भाजपा (BJP) और कांग्रेस को काफी पीछे छोड़ते हुए भारी जीत की ओर बढ़ रहा है. सोमवार को हो रही मतगणना से पता चलता है कि नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले दल ने तटीय राज्य में अपनी पकड़ को और विस्तारित किया है. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी रुझान से पता चलता है कि बीजद 762 जिला परिषद सीट पर पहले ही जीत चुका है या आगे चल रहा है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केवल 46 और कांग्रेस ने 36 सीट पर जीत दर्ज की है या आगे चल रही हैं. निर्दलीय महज तीन सीट पर आगे हैं, जबकि अन्य दल चार सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं.
पंचायत चुनाव के अब तक घोषित 620 जिला परिषद सीट के परिणामों में से बीजद को 552 सीट मिली हैं, जबकि भाजपा को 31 और कांग्रेस को 30 सीट मिली हैं. निर्दलीय और अन्य के खाते में सात सीट आई हैं. इन मतों की गिनती पिछले दो दिनों में की गई, जबकि सोमवार को 331 अन्य सीट पर मतगणना प्रक्रिया चल रही है, जिसके परिणाम मंगलवार को आने की उम्मीद है.
रिकॉर्ड तोड़ने की ओर बीजद
घोषित परिणाम और रुझान दोनों को देखते हुए बीजद पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ने की ओर बढ़ रहा है. 2012 के पंचायत चुनावों में क्षेत्रीय पार्टी ने 651 जिला परिषद सीट हासिल की थीं, जबकि 2017 के चुनावों में इसकी संख्या 476 थी. ओडिशा में 852 जिला परिषद सीट हैं. दूसरी ओर विपक्षी दल भाजपा, जिसने 2017 के चुनावों में 297 जिला परिषद सीट जीती थीं, उसे इस बार लगभग 250 सीट का नुकसान होता दिख रहा है. कांग्रेस को 2017 में 60 सीट पर जीत मिली थी, लेकिन इस बार वह 36 सीट पर सिमटती नजर आ रही है.
बीजद ने भाजपा के इलाके में किया बेहतर प्रदर्शन
पश्चिमी ओडिशा में भाजपा ने 2019 के आम चुनाव में आठ लोकसभा सीट में से छह और 2017 में 212 जिला परिषदों सीट में से 169 पर जीत हासिल की थी, वहां वह असफल नजर आ रही है. भाजपा के गढ़-बोलंगीर, नुआपाड़ा, सोनपुर, कालाहांडी, बरगढ़, संबलपुर, देवगढ़, सुंदरगढ़, मलकानगिरी और मयूरभंज ने उसे जरूर थोड़ा सहारा दिया है. बीजद ने इस बार यहां के नतीजों को लगभग उलट दिया है और रुझानों से इन जिलों में उसकी 80 फीसदी जीत का संकेत मिल रहा है.
24 मार्च 2022 को शहरी स्थानीय निकाय चुनाव
पंचायत चुनाव के परिणाम महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इसका शहरी स्थानीय निकायों के आगामी चुनाव पर प्रभाव पड़ेगा जो 24 मार्च 2022 को होने वाला है. कुल मिलाकर 2.2 लाख उम्मीदवार मैदान में थे और राज्य निर्वाचन आयोग पहले ही 36,523 वार्ड सदस्यों, 126 सरपंचों, 326 समिति सदस्यों और एक जिला परिषद के उम्मीदवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर चुका है. पंचायत चुनाव में हार पर बारगढ़ से भाजपा सांसद सुरेश पुजारी ने कहा कि पार्टी को सभी जिलों में विशेष रूप से पश्चिमी क्षेत्र में जिला परिषद सीट हारने के कारणों का विश्लेषण करना चाहिए.
केंद्रीय मंत्री ने बीजद पर लगाए आरोप
वहीं केंद्रीय मंत्री बिशेश्वर टुडू, जिन्होंने मयूरभंज जिले में भाजपा के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार किया था. उन्होंने बीजद पर सरकारी मशीनरी के माध्यम से मतदाताओं को प्रभावित करने का आरोप लगाया. टुडू ने कहा 'मैं पंचायत चुनाव के नतीजों से हैरान हूं. यह विश्वास करना मुश्किल है कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से हुए.'
बीजद के लिए स्मार्ट स्वास्थ्य कार्ड का वितरण फायदेमंद
बालासोर से भाजपा सांसद प्रताप सारंगी ने चुनाव परिणामों को धनबल का प्रतिबिंब बताया. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना के तहत बीजद सरकार द्वारा स्मार्ट स्वास्थ्य कार्ड का वितरण इस साल के पंचायत चुनावों में बाजी पलटने वाला साबित हुआ है.
Next Story