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ओडिशा: आत्महत्या जीवन का अंतिम जघन्य निर्णय है। किसी के उकसाने पर या किसी दोष-कमजोरी के कारण अपनी ही आत्मा की हत्या करना अपराध है। कई लोग यह जानते हुए भी ऐसे अतिवादी निर्णय लेते हैं कि यह गलत, घृणित और आपराधिक है। आपको जानकर हैरानी होगी कि ओडिशा में इस तरह के अतिवादी फैसले लेने की दर सबसे ज्यादा है। जाहिर है, हम ऐसा नहीं कह रहे हैं, रिपोर्ट के मुताबिक ओडिशा में हर दिन 15 आत्महत्याएं होती हैं, जो किसी भी अन्य राज्य की तुलना में सबसे ज्यादा है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो-एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 2021 में भारत में 1 लाख 64 हजार लोगों ने आत्महत्या की। रिपोर्ट के मुताबिक, ओडिशा में आत्महत्या की दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। ओडिशा में 5 हजार 651 लोगों ने आत्महत्या की. इनमें 4 हजार 412 पुरुष और 12 सौ 39 महिलाएं हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में हर दिन औसतन 15 लोग आत्महत्या करते हैं। देश में कुल आत्महत्याओं में से 3.4% मौतें ओडिशा में होती हैं। पिछले वर्ष की तुलना में 2021 में ओडिशा में आत्महत्याओं की संख्या में दो प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ओडिशा में पारिवारिक विवादों के कारण सबसे ज्यादा आत्महत्याएं हुई हैं।
NCRB की रिपोर्ट के अनुसार 71% लोग पारिवारिक कलह के कारण आत्महत्या करते हैं। आत्महत्या को रोकने के लिए आज विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जा रहा है। हर वर्ष विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से इसके लिए जागरूकता फैलाई जाती है। लेकिन यह संख्या कम होने की बजाय इस हद तक बढ़ती जा रही है कि कम से कम चिंताजनक तो है ही.
Manish Sahu
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