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बैंक में खोले गए 120 फर्जी एकाउंट
राउरकेला : राउरकेला अर्बन को-आपरेटिव बैंक में फर्जी खाता खोल कर करोड़ों के अवैध कारोबार के मामले में ईडी से जांच की मांग की गई थी। इसके एक साल पूरे हो गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय, प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय वित्त मंत्रालय में इसकी शिकायत की गई थी। इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय ने हस्तक्षेप किया है तथा राज्य सरकार से मामले के संबंध में विशेष विवरण संग्रह किया जा रहा है।
इस जांच के बाद केंद्रीय जांच संस्था या प्रवर्तन निदेशालय को जांच की जिम्मेदारी दी जाएगी। देश भर में जुलाई 2017 में जीएसटी लागू की गई। टैक्स चोरी के साथ भ्रष्ट व्यवसायियों ने अलग तरीके से ठगी शुरू कर दी। टैक्स माफिया फर्जी जीएसटी नंबर लेकर गड़बड़ी करने लगे। अंडा विक्रेता, चाय दुकानदार, गुपचुप विक्रेता, कालेज के छात्र, ठेका श्रमिक, वाहन चालक, पानी पाइप मिस्त्री, बेरोजगार युवकों से दस्तावेज लेकर उनके नाम पर कंपनी व एकाउंट खोला गया एवं तीन हजार करोड़ से अधिक का फर्जीवाड़ा किया। इसमें परोक्ष रूप से बैंक के अधिकारी व कर्मचारी भी शामिल हैं।
टैक्स चोरी करने वालों की फर्जी जीएसटी नंबर होने तथा राष्ट्रीयकृत बैंक, सहकारिता बैंक व निजी बैंकों में एकाउंट खोल कर करोड़ों का कारोबार होने का प्रमाण भी मिला है। अर्बन को-आपरेटिव बैंक में 120 फर्जी एकाउंट खोले गए हैं। इसमें आरएसपी ठेका श्रमिक, वाहन चालक, छात्र, रंग मिस्त्री भी शामिल हैं एवं उनके खाते से लेनदेन किया गया है। साल भर पहले जिला कांग्रेस एवं अन्य संगठनों की ओर भी इसकी सीबीआइ जांच की मांग की गई थी। इसके नौ महीने बाद प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इसकी छानबीन शुरू की गई तथा जीएसटी विभाग से रिपोर्ट मांगी गई है। जीएसटी की ओर से दस पृष्ठ की रिपोर्ट दी गई है। पीएमओ को यह रिपोर्ट मिलने के बाद इसकी जांच की जा रही है। इसके बाद किसी केंद्रीय संस्था से इसकी जांच कराई जाएगी।
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