नागालैंड

केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने नागालैंड में किसान भवन का किया लोकार्पण

Kunti Dhruw
12 Nov 2021 8:08 AM GMT
केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने नागालैंड में किसान भवन का किया लोकार्पण
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केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर नागालैंड स्थित केंद्रीय बागवानी संस्थान में किसान भवन का गुरुवार को लोकार्पण किया।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Minister of Agriculture and Farmers Welfare Narendra Singh Tomar) नागालैंड स्थित केंद्रीय बागवानी संस्थान में किसान भवन का गुरुवार को लोकार्पण किया। इस अवसर पर मधुमक्खी पालकों का सम्मेलन भी आयोजित किया गया। " तोमर ने कहा कि सरकार मधुमक्खी उत्पादकों के लिए भी 'किसान उत्पादक संगठन' (FPO) के गठन को प्रोत्साहित करेगी ताकि उनकी लागत कम हो और बाजार में उनकी शक्ति बढ़े।

कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़े तोमर ने कहा कि छोटे और मझौले किसानों के जीवन में बदलाव लाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व में केंद्र सरकार (central government) का एक प्रमुख लक्ष्य है। तोमर ने मधुमक्खी पालन को किसानों की आय वृद्धि के लिए एक सहायक क्षेत्र बताते हुए कहा कि मीठी क्रांति लाने के लिए 'हनी मिशन' प्रारंभ किया गया है और केंद्र सरकार ने इसमें 500 करोड़ रुपये का प्रावधान 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' (self-reliant India campaign) के तहत किया है।
सरकार की 10 हजार नए किसान उत्पादक संगठन (FPO) बनाने की योजना के अंतर्गत शहद उत्पादक किसानों के एफपीओ भी बनाए जा रहे हैं। शहद की ठीक से जांच हो, इसलिए देश में अनेक जगह प्रयोगशालाएं बनाई गई है, साथ ही प्रोसेसिंग सुविधाएं भी बढ़ाई जा रही है। जादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम में तोमर (Tomar) ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र की जलवायु कृषि के अनुकूल है। बागवानी फसलों विशेषकर फल-सब्जियों, फूलों और मसालों की खेती के लिए यह क्षेत्र आदर्श है।
बागवानी में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लघु और सीमांत किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की मध्य क्षेत्र योजना के तहत केंद्रीय बागवानी संस्थान, नागालैंड की स्थापना की गई थी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मधुमक्खी पालकों और सरकार के सामूहिक प्रयासों से वर्ष 2020-21 में देश में शहद का उत्पादन वर्ष 2013-14 के 76150 मीट्रिक टन से बढ़कर अब सवा लाख टन हो गया है। वहीं, मधुमक्खी पालन क्षेत्र से जुड़े हितधारकों की मदद से वर्ष 2020-21 में शहद का निर्यात वर्ष 2013-14 के सवा 28 हजार टन से बढ़कर लगभग 60 हजार मीट्रिक टन हो गया है।
कार्यक्रम में किसानों के उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई। खेती में नए प्रयोगों के लिए किसानों को मिनी किट प्रदान किए गए। प्रशिक्षणार्थी किसानों द्वारा बनाए उत्पाद लांच किए गए। वार्षिक रिपोर्ट-टेक्निकल बुलेटिन का विमोचन किया गया। समारोह में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे विशेष अतिथि थी।
कृषि सचिव संजय अग्रवाल, अपर सचिव अभिलक्ष लिखी व श्विवेक अग्रवाल, कृषि एवं बागवानी आयुक्त डॉ. एस.के. मल्होत्रा, पौधा किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ. के.वी. प्रभु, राज्यपाल के सचिव टी. म्हाबेमो यंथन, नागालैंड की आयुक्त एवं बागवानी सचिव एनेनला टी. सातो, सरकार, बागवानी निदेशक डॉ. ई लोथा, प्रबंधन बोर्ड (बीओएम) के सदस्य शिव अंजन डालमिया और दिवाकर चाचारी एवं सैकड़ों मधुमक्खी पालक व अन्य किसान उपस्थित थे। केंद्रीय बागवानी संस्थान के निदेशक डॉ. एन.के.पाटले ने स्वागत भाषण दिया।


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