नेतृत्व में पार्टी का प्रतिनिधिमंडल नागालैंड में विभिन्न सोसाइट और बुद्धिजीवियों के साथ आज बैठक
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के नेतृत्व में पार्टी का प्रतिनिधिमंडल नागालैंड में विभिन्न सोसाइट और बुद्धिजीवियों के साथ आज बैठक कर रहा है। इसमें वहां की वास्तविक स्थिति को समझने की कोशिश की जा रही है। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव आफाक अहमद खान ने कहा है कि यह प्रतिनिधिमंडल 29 जून से एक जुलाई तक नागालैंड के दौरे पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण को विशिष्ट श्रद्धासुमन अर्पित करने जा रहा है।
जदयू ने कहा है कि जयप्रकाश नारायण का योगदान नागालैंड और वहां की जनता के प्रति बहुत बड़ा है। वर्ष 1960 में उन्होंने भारत सरकार द्वारा गठित शांति मिशन के सदस्य के रूप में नागालैंड के हर हिस्से की यात्रा की और उनकी समस्या के स्वरूप, उसके मिजाज, राजनीतिक आंदोलन और आजादी की लड़ाई को समझा। उन्होंने भारत सरकार को आगाह किया की सीमा पर अस्थिर और असंतुष्ट नागालैंड देश के हितों के लिए नुकसानदेह है। इसलिए इसका समाधान ढूंढ़ना आवश्यक है कि नागालैंड की राजनीतिक समस्या, जिसको सुलझाने के जयप्रकाश नारायण प्रखर समर्थक रहे, आज भी उन समस्याओं के कारण नागा आर्म्ड ग्रुप, भारतीय सेना के जवान और निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं।
जदयू यह मानता है कि वर्ष 1960 के शांति मिशन ने जिसमें जयप्रकाश नारायण के अलावा इंगलैंड के माइकल स्कॉट, असम के तत्कालीन मुख्यमंत्री बिमला प्रसाद वालिया द्वारा नागालैंड की समस्या को सुलझाने के लिए भारत सरकार को जिन 17 बिंदुओं को सुझाया था, वो आज भी प्रासंगिक हैं। मालूम हो कि जदयू ने 11 अक्टूबर, 2018 में भी जेपी की 116 वीं जयंती के अवसर पर नागालैंड में जेपी स्मारक कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश जी मुख्य अतिथि थे। प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के नेता आफाक अहमद खान, हर्षवर्धन सिंह, कौशलेंद्र कुमार, रामप्रीत मंडल और अनिल हेगड़े शामिल हैं।