नागा शांति वार्ता पर केंद्र से नागालैंड सरकार ने की ऐसी बड़ी अपील
नगालैंड सरकार ने केंद्र और नगा चरमपंथी समूहों से पिछले 25 वर्षों में नगा राजनीतिक मुद्दे के समाधान और शांति वार्ता के लिए किए गए वादे से पीछे नहीं हटने का आग्रह किया है। सत्तारूढ़ यूनाइटेड डेमोक्रेटिक अलायंस के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग ने कहा है कि भारत सरकार को पूर्व वार्ताकार आरएन रवि और वर्तमान सरकार के प्रतिनिधि एके मिश्रा के माध्यम से नगाओं के लिए किए गए वादे से अपना रुख नहीं बदलना चाहिए।
मीडिया में विभिन्न रिपोर्टों का जिक्र करते हुए जेलियांग ने कहा कि कुछ नागा नेताओं द्वारा अटकलों और अफवाहों के आधार पर की गई टिप्पणी ने नागाओं के बीच गलतफहमी और भ्रम पैदा किया है। उन्होंने कहा कि मैंने सभी सही सोच वाले नागा नेताओं से निराधार टिप्पणी करने से परहेज करने की अपील की। जेलियांग ने कहा कि अविभाजित सशस्त्र समूह नागा नेशनल काउंसिल ने 1960 के दशक में भारत सरकार और नागाओं द्वारा 16-सूत्रीय समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले परामर्श नहीं किया था।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, यूडीए सरकार समावेश चाहती है और नगा राजनीतिक मुद्दे को सुलझाने के लिए सभी को शामिल करती है। उन्होंने कहा कि कोई भी निराधार और अनुचित टिप्पणी सबसे संवेदनशील शांति प्रक्रिया को गुमराह कर सकती है। मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो के नेतृत्व वाली यूडीए सरकार नगा राजनीतिक मुद्दे को सुलझाने के लिए तेजी से काम कर रही है। नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) नागालैंड में सत्तारूढ़ गठबंधन यूडीए की प्रमुख पार्टी है, जिसमें भाजपा के साथ 12 विधायक हैं। हाल ही में जेलियांग के नेतृत्व में नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के 25 में से 21 विधायकों का एनडीपीपी में विलय हो गया, जिससे 60 सदस्यीय विधानसभा में एनडीपीपी की संख्या बढ़कर 42 हो गई। 1997 में NSCN-IM के साथ एक औपचारिक युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद केंद्र सरकार ने NSCN-IM और अन्य नागा समूहों के साथ 85 से अधिक दौर की बातचीत की है।