धर्म-अध्यात्म

भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ाते समय इन नियमों का रखें ध्यान

Manish Sahu
18 Sep 2023 3:44 PM GMT
भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ाते समय इन नियमों का रखें ध्यान
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धर्म अध्यात्म: सनातन धर्म में कोई भी शुभ कार्य शुरु करने से पहले प्रभु श्री गणेश की पूजा का विधान है। पौराणिक मान्यता है कि प्रभु श्री गणेश की पूजा करने से सारी विघ्न-बाधाएं दूर हो जाती हैं। वही इस बार गणेश चतुर्थी भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाएगी। अंग्रेजी महीने के मुताबिक, यह सितंबर माह की 19 तारीख को पड़ रही है। 10 दिन चलने वाले इस पर्व की धूम पूरे भारत में देखने को मिलेगी। इस के चलते भक्त गणपति की निरंतर 10 दिन तक पूरे विधि विधान से पूजा-अर्चना करेंगे। वही प्रभु श्री गणेश की पूजा में मोदक का भोग और दूर्वा (Durva) चढ़ाने का विशेष रूप से महत्व होता है. दूर्वा चढ़ाने से सभी प्रकार के सुख और संपदा में वृद्धि होती है. बिना दूर्वा के प्रभु श्री गणेश की पूजा अधूरी मानी जाती है. आइए आपको बताते हैं आखिर क्यों प्रभु श्री गणेश को दूर्वा चढ़ाने के नियम...
प्रभु श्री गणेश को दूर्वा चढ़ाने नियम:-
प्रभु श्री गणेश को दूर्वा चढ़ाने से पहले उसे साफ पानी से जरूर धोएं.
इस बात का ध्यान रखें कि दूर्वा किसी मंदिर, बगीचे या साफ स्थान पर उगी हुई होनी चाहिए.
उस स्थान का दूर्वा प्रभु श्री गणेश को नहीं चढ़ाएं, जहां गंदे पानी आता हो .
पूजा में हमेशा दूर्वा का जोड़ा बनाकर प्रभु श्री गणेश को चढ़ाएं.
प्रभु श्री गणेश को दूर्वा घास के 11 जोड़ों को चढ़ाना चाहिए.
दूर्वा चढ़ाते वक़्त गणेशजी के मंत्रों का जाप करना चाहिए.
दूर्वा चढ़ाते समय इन मंत्रों को बोले:-
ऊँ गं गणपतेय नम:
ऊँ गणाधिपाय नमः
ऊँ उमापुत्राय नमः
ऊँ विघ्ननाशनाय नमः
ऊँ विनायकाय नमः
ऊँ ईशपुत्राय नमः
ऊँ सर्वसिद्धिप्रदाय नम:
ऊँएकदन्ताय नमः
ऊँ इभवक्त्राय नमः
ऊँ मूषकवाहनाय नमः
ऊँ कुमारगुरवे नमः
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