नागालैंड

देश के इस राज्य में लड़ा जा चुका है रूस और यूक्रेन से भी भीषण युद्ध

Gulabi
25 Feb 2022 12:27 PM GMT
देश के इस राज्य में लड़ा जा चुका है रूस और यूक्रेन से भी भीषण युद्ध
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रूस और यूक्रेन से भी भीषण युद्ध
इस समय रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ा हुआ है जिसमें कई सेनिकों और आम नागरिकों की मौते हुई हैं। माना जा रहा है कि यह भयंकर युद्ध साबित होगा जिसका परिणाम सिर्फ और सिर्फ विनाश ही निकलेगा। लेकिन आपको बता दें कि इससें भी भीषण युद्ध भारत नागालैंड राज्य की राजधानी कोहिमा में लड़ा जा चुका है। इस युद्ध में 65 हजार लोगों की मौत हुई थी।
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आपको बता दें कि यह युद्ध द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों और जापानियों के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध को कोहिमा-इम्फाल युद्ध नाम से भी जाना जाता है। इसी युद्ध ने दूसरे विश्व युद्ध की रूप रेखा बदली थी। इसमें ब्रिटेन ने 12 हजार से ज्यादा और जापान से करीब 53 हजार सैनिक शहीद हुए थे। इस युद्ध के दौरान कोहिमा में लड़ाई सबसे भीषण चली थी। सरकारी रेकॉर्ड में 1,420 ब्रिटिश और मुस्लिम सैनिकों के नाम यहां दर्ज हैं। इसके अलावा 917 हिंदू और सिख सैनिक, जिनका अंतिम संस्कार किया गया, उनका भी स्मारक लगा है।
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हालांकि उन जापानी सैनिकों की यहां कोई निशानी नहीं है, जो अंग्रेजों से ज्यादा हताहत हुए। वे भूख, प्यास, बीमारी से एक जीती हुई जंग हारे थे। संभव है जापानी सेना के साथ नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के कुछ जवान भी रहे हों, जो अपनी जमीन पर कुछ अपनों से लड़ते हुए शहीद हुए हों। युद्ध के बाद लाशों का अंबार इतना था कि सभी को गैरिसल हिल्स में सामूहिक रूप से दफना दिया गया था। जापानी फौज की चढ़ाई के बाद 1944 में 3 अप्रैल के दिन कोहिमा का युद्ध शुरू हुआ था। इस युद्ध से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदू इस प्रकार हैं—
1. इस जंग में जापान के 13 हजार से ज्‍यादा जवान मारे गए थे, जबकि हजारों जख्‍मी हुए थे। ब्रिटिश-भारतीय सैनिकों को काफी कम नुकसान हुआ।
2. दूसरी वर्ल्‍ड वॉर के दौरान जापान ने भारत पर चढ़ाई की और कोहिमा की जंग अ‍हम मोड़ साबित हुई। इसे यू-गो का कोड नाम दिया गया था।
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3. 3 अप्रैल से 16 अप्रैल के बीच जापानियों ने कोहिमा पर कब्‍जे की कोशिश की ताकि इंफाल में तैनात अंगेज और भारतीय जवानों तक पहुंचने वाली सप्‍लाई रोकी जा सके।
4. इंफाल और कोहिमा की दोनों जंग ने ब्रिटिश और भारतीय जवानों को जापानी चढ़ाई को थामने का मौका दिया।
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5. कोहिमा के युद्ध ने अंग्रेजों को इस बात का भरोसा दिला दिया कि जापानियों को भी हराया जा सकता है।
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