नागालैंड

पुलिसकर्मी तथा अन्‍य लोगों द्वारा गोला-बारूद के अवैध परिवहन की जांच करेगी नागालैंड पुलिस

Rani Sahu
27 July 2023 2:06 PM GMT
पुलिसकर्मी तथा अन्‍य लोगों द्वारा गोला-बारूद के अवैध परिवहन की जांच करेगी नागालैंड पुलिस
x
कोहिमा (आईएएनएस)। नागालैंड पुलिस ने गोला-बारूद के अनधिकृत परिवहन में एक पुलिस अधिकारी और पांच अन्य की संलिप्तता की जांच के लिए पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
नागालैंड पुलिस ने 10 जुलाई को दीमापुर के चुमौकेदिमा में सिक्‍स्‍थ माइल इलाके में एक कार को रोका था और चावल की बोरियों में छुपाए गए लगभग 2,500 विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद बरामद किए थे।
इस संबंध में चुमौकेदिमा में पुलिस सेंट्रल स्टोर के प्रभारी पुलिस निरीक्षक माइकल यानथन, एक महिला और एनएससीएन (आईएम) के एक डिप्टी किलोनसर (मंत्री) सहित चार नागरिकों को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रूपिन शर्मा ने कहा कि पुलिस महानिरीक्षक की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति मामले की जांच करेगी।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि इंस्पेक्टर, जो स्टोर का प्रभारी था, ने व्‍यक्तिगत स्‍तर पर गोला-बारूद चोरी की थी और अभी तक किसी साजिश का पहलू नहीं मिला है।
शर्मा ने कहा कि पुलिस घटना पर बहुत बारीकी से नजर रख रही है और मनी ट्रेल स्थापित कर रही है।
मुख्य आरोपी यंथन ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।
उसने कबूल किया कि उसे एक व्यक्ति द्वारा एसएलआर गोला-बारूद की लगभग 1,500 राउंड और इंसास राइफलों की 5.56 मिमी कैलिबर गोलियों की 1,000 राउंड बेचने के लिए 4.25 लाख रुपये का भुगतान किया गया था।
गिरफ्तार महिला ने पुलिस के सामने कबूल किया कि उसे एनएससीएन-आईएम नेता से यह खेप मिली थी जिसे उसने यन्थन से खरीदा था।
डीजीपी ने आगे बताया कि गिरफ्तार व्यक्ति अब न्यायिक हिरासत में हैं।
पुलिस विभाग ने इंस्पेक्टर को निलंबित करने का प्रस्ताव सरकार को दिया है।
इस बीच, एक अन्य पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि प्रारंभिक जांच के दौरान, यह पाया गया कि चोरी किए गए गोला-बारूद की तस्करी कर इसे पड़ोसी राज्य मणिपुर पहुंचाना था जहां पिछले तीन महीने से जातीय हिंसा चल रही है। हिंसा में प्रतिद्वंद्वी समूहों द्वारा अवैध हथियारों और गोला-बारूद का इस्तेमाल किया जा रहा है।
विभिन्न रिपोर्टों में, राजनीतिक दलों ने दावा किया कि 3 मई को मणिपुर में भड़के जातीय दंगों के दौरान भीड़, हमलावरों और उग्रवादियों ने पुलिस स्टेशनों और पुलिस चौकियों से 4,000 से अधिक विभिन्न प्रकार के अत्याधुनिक हथियार और लाखों विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद लूट लिए।
Next Story