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कर्नाटक में हिजाब पहनकर आईं मुस्लिम छात्राओं को कालेज में नहीं दिया गया प्रवेश, तो बोले उठे शशि थरूर
Apurva Srivastav
4 Feb 2022 4:43 PM GMT
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कर्नाटक के उडुपी जिले के कुंडापुर में हिजाब पहनकर सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कालेज में प्रवेश करने की कोशिश करने वाली मुस्लिम छात्राओं को शुक्रवार को अधिकारियों ने परिसर में तीसरे दिन भी प्रवेश नहीं करने दिया।
मेंगलुर। कर्नाटक के उडुपी जिले के कुंडापुर में हिजाब पहनकर सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कालेज में प्रवेश करने की कोशिश करने वाली मुस्लिम छात्राओं को शुक्रवार को अधिकारियों ने परिसर में तीसरे दिन भी प्रवेश नहीं करने दिया। हिजाब पहनी छात्राएं माता-पिता के साथ आई थीं। अधिकारियों ने आदेश जारी कर रखा है कि राज्य सरकार द्वारा जारी ड्रेस कोड के अनुसार हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दी जाएगी। छात्राओं के माता-पिता ने कालेज के गेट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। तनाव को देखते हुए गेट पर कुंडापुर थाने के पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था।
इस मुद्दे पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि यह भारत की ताकत रही है कि हर कोई जो चाहता है उसे पहनने के लिए स्वतंत्र है। सिख हैं जो पगड़ी पहनते हैं, ईसाइयों के गले में क्रास है, कभी-कभी हिंदू तिलक के साथ कालेज आते हैं। यह सब सामान्य है। लड़कियों को कालेज जाने देना चाहिए, उन्हें पढ़ने दें, उन्हें अपना फैसला लेने का हक है।
लड़कियों ने करीब एक महीने तक कक्षाओं के बाहर बैठकर किया विरोध
बता दें कि इस मुद्दे की शुरुआत उस वक्त हुई जब उडुपी के सरकारी बालिका प्री-यूनिवर्सिटी (पीयू) कालेज में छह छात्राएं ड्रेस कोड का उल्लंघन कर हिजाब पहनकर पहुंची थीं। छात्राओं को कक्षाओं के अंदर नहीं जाने दिया गया। लड़कियों ने करीब एक महीने तक कक्षाओं के बाहर बैठकर अपना विरोध जारी रखा।
उडुपी के विधायक और कालेज विकास समिति के अध्यक्ष के रघुपति भट ने प्रदर्शनकारी लड़कियों के माता-पिता के साथ बातचीत की। अधिकारियों ने बाद में स्पष्ट रूप से कहा कि लड़कियों को हिजाब पहनकर कक्षाओं के अंदर तब तक अनुमति नहीं दी जा सकती, जब तक कि राज्य सरकार द्वारा इस मुद्दे का अध्ययन करने के लिए गठित एक विशेषषज्ञ समिति अपनी रिपोर्ट नहीं सौंप देती। सरकार ने स्कूलों को ड्रेस कोड पर यथास्थिति बनाए रखने का भी निर्देश दिया है।
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