मिज़ोरम
मानव बाल तस्करी मामले में ED की छापेमारी, भारी मात्रा में नकदी बरामद
Deepa Sahu
14 Feb 2022 6:14 PM GMT
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ईडी ने कहा है कि उसने 9 फरवरी और 10 फरवरी को हैदराबाद से म्यांमार के सीमावर्ती शहर चंपई तक कई स्थानों पर मनी-लॉन्ड्रिंग से जुड़ी जांच की थी।
ईडी ने कहा है कि उसने 9 फरवरी और 10 फरवरी को हैदराबाद से म्यांमार के सीमावर्ती शहर चंपई तक कई स्थानों पर मनी-लॉन्ड्रिंग से जुड़ी जांच की थी। एजेंसी के मुताबिक, मिजोरम के अवैध भूमि रास्तों से भारत से म्यांमार तक मानव बाल की तस्करी से संबंधित मनी-लॉन्ड्रिंग जांच में भारी नकदी बरामद की गई है। ईडी ने कहा कि बरामद नकदी का एक बड़ा हिस्सा अवैध रूप से तस्करी किए गए बालों और भारत भर में फैली संस्थाओं से मानव बाल के निर्यात के लिए इस्तेमाल किया गया था।
सिंडिकेट बैंक घोटाले में 56.81 करोड़ की संपत्ति अटैच
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को1,267.79 करोड़ के सिंडिकेट बैंक घोटाले से जुड़े मामले में उदयपुर राजस्थान के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट भारत बंब और उसके सहयोगियों की 56.81 करोड़ की चल-अचल संपत्ति अटैच की है। अटैच की गई संपत्ति में कृषि भूमि, प्लॉट, दुकानें, फ्लैट और बैंक खाते शामिल हैँ। यह संपत्ति धन शोधन अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत अटैच की गई है। ये सभी संपत्तियां भारत बंब, शंकर लाल खंडेलवाल और अन्य की बताई गई हैं।
ईडी ने यह कार्रवाई सिंडिकेट बैंक (अब केनरा बैंक) के अधिकारियों और अन्य पर दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी और आरोप पत्र के आधार पर की है। इस घोटाले को 2011 से लेकर 2016 की अवधि में अंजाम दिया गया। इस मामले में अभी तक कुल 537.72 करोड़ की संपत्ति अटैच की जा चुकी है।
घोटाले को ऐसे दिया अंजाम
इडी के मुताबिक आरोपियों ने अपने और रिश्तेदारों के नाम पर फर्जी कंपनियां बनाई। कंपनियों के नाम पर खोले गए खातों में जाली चेक लगा दिए जाते और चेेक के पास होने से पहले ही रकम खातों में दर्ज करा ली जाती थी। अधिकतर कंपनियां भारत बंब और उसके सहयोगी ही नियंत्रित कर रहे थे। इन फर्जी कंपनियों और रिश्तेदारों के नाम पर जो भी लोन लिया गया, वह भी कभी लौटाया नहीं गया।
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