मेघालय

अस्पतालों में डिलीवरी करवाने से महिलाओं का इनकार, 877 शिशुओं और 61 माताओं की मौत

Deepa Sahu
20 March 2022 10:12 AM GMT
अस्पतालों में डिलीवरी करवाने से महिलाओं का इनकार, 877 शिशुओं और 61 माताओं की मौत
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मेघालय (Meghalaya) में कोविड-19 (Covid-19) महामारी के दौरान संक्रमण के डर से अस्पतालों में प्रसव कराने से महिलाओं के इनकार के चलते 877 नवजात शिशुओं और 61 माताओं की मौत हो गई.

मेघालय (Meghalaya) में कोविड-19 (Covid-19) महामारी के दौरान संक्रमण के डर से अस्पतालों में प्रसव कराने से महिलाओं के इनकार के चलते 877 नवजात शिशुओं और 61 माताओं की मौत हो गई. संक्रमण फैलने के डर से गर्भवती महिलाओं ने अस्पतालों में भर्ती होने से इनकार कर दिया था. मेघालय सरकार ने यह जानकारी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) (NHRC) को दी है. मेघालय सरकार ने एनएचआरसी को सौंपी गई अपनी कार्रवाई रिपोर्ट में इसका कारण बताया है. एनएचआरसी ने हाल ही में मेघालय में अधिक संख्या में नवजात शिशुओं और प्रसूताओं की मौत दर्ज की थी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि नवजात शिशुओं की मौत के कारणों की जांच से पता चला है कि ये मौतें चिकित्सकीय सुविधा के अभाव और देखभाल की कमी के कारण हुईं क्योंकि गर्भवती महिलाओं ने कोरोना वायरस संक्रमण के डर से स्वास्थ्य केन्द्रों में भर्ती होने से खुद ही इनकार किया था और कोविड-19 जांच कराने से भी मना कर दिया था.
रिपोर्ट के मुताबिक जिस समय ये मौतें हुईं, उस समय कोविड-19 और गैर-कोविड-19 मरीजों को अलग-अलग रखना अनिवार्य था. इसलिए बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए मरीजों की कोविड-19 जांच की जा रही थी. रिपोर्ट के मुताबिक गर्भवती महिलाएं भले ही स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों से दूर रहीं, लेकिन एएनएम और आशा कर्मचारी नियमित रूप से उनके घर में जा करके उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रही थीं और उनसे प्रसव के लिए अस्पताल आने का अनुरोध कर रही थीं. राज्य सरकार ने कहा कि उसने मामले का संज्ञान लेते हुए 'बचाव अभियान' शुरू किया था.
मेघालय में 14 फरवरी से खुल रहे स्कूल
हालांकि अब पूरे देश में कोरोना के मामलों में कमी देखी जा रही है. देश में आज कोरोना के 1,761 नए मामले सामने आए थे.मेघालय सरकार ने राज्य में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी के मद्देनजर कोविड -19 प्रतिबंधों में ढील दी थी. मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा (Conrad Sangma) ने कहा था कि दूसरे राज्यों से आने वाले फुली वैक्सीनेटेड लोगों को अब से राज्य में प्रवेश करने से पहले आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी. सीएम संगमा ने कहा कि कोविड समीक्षा बैठक में 11 फरवरी से कुछ प्रतिबंधों को हटाने का फैसला किया गया था.वहीं, स्कूल खुलने को लेकर सीएम संगमा ने कहा था, 'शिलांग को छोड़कर सभी स्कूल 1-5वीं कक्षा के लिए 14 फरवरी से फिर से खुल गए हैं.
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