मेघालय

NPP नेता की मुश्किलें बढ़ीं, मर्डर मामले में कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

Kunti Dhruw
20 Jan 2022 10:49 AM GMT
NPP नेता की मुश्किलें बढ़ीं, मर्डर मामले में कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा
x
मेघालय (Meghalaya) में सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) (NPP) के एक वरिष्ठ नेता को वेस्ट जयंतिया हिल्स जिले की एक अदालत ने शराब के नशे में 25 वर्षीय व्यक्ति की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई है.

मेघालय (Meghalaya) में सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) (NPP) के एक वरिष्ठ नेता को वेस्ट जयंतिया हिल्स जिले की एक अदालत ने शराब के नशे में 25 वर्षीय व्यक्ति की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई है. जिला सत्र न्यायाधीश बी ख्रीम ने जयंतिया हिल्स (Jaintia hills) क्षेत्र के एनपीपी के कार्यकारी अध्यक्ष निदामोन चुलेट को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) के तहत दोषी ठहराया और बुधवार को उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने चुलेट पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.

चुलेट के सहयोगी कोमिंग राबोन को शव को ठिकाने लगाने के अपराध में आईपीसी की धारा 201 (अपराध के सबूत मिटाने) के तहत दोषी ठहराया गया. उन्हें सात साल जेल की सजा सुनाई गई, साथ ही उन पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था. चुलेट को मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा का करीबी माना जाता है. चुलेट और एक अन्य आरोपी, जिनकी 2019 में मुकदमे के दौरान मृत्यु हो गई, ने जोवाई में एक दुकान पर ताश खेलने के दौरान इवानमिडू लुइद से विवाद के बाद शराब के नशे में उस पर दाव (पारंपरिक तलवार) से हमला किया था. घटना फरवरी 2008 की है. अभियोजन के अनुसार बाद में राबोन ने शव को ठिकाने लगा दिया.
अवैध कोयला खनन को उजागर करने की कोशिश
न्यायाधीश ख्रीम ने पुलिस द्वारा की गई ''बेकार'' जांच को ध्यान में रखते हुए मामले को संदेह से परे उचित साबित करने के लिए अभियोजन पक्ष की सराहना की. पूर्वी मेघालय में परिवहन संस्था के अध्यक्ष चुलेट पर राज्य में एनपीपी के सत्ता में आने के कुछ महीनों बाद नवंबर 2018 में सामाजिक कार्यकर्ताओं एग्नेस खार्शिंग और अमिता संगमा से मारपीट करने का भी आरोप है. कार्यकर्ता जयंतिया हिल्स क्षेत्र में अवैध कोयला खनन और उनके परिवहन को उजागर करने की कोशिश कर रहे थे.

एनपीपी ने पहले चुलेट का बचाव करते हुए कहा था कि जब तक वह दोषी साबित नहीं हो जाते तब तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है. हालांकि, फैसला आने के बाद पार्टी ने अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. एनपीपी के प्रवक्ता जेम्स पीके संगमा से फोन पर बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे कोई जवाब नहीं मिला.


Next Story