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AFSPA को निरस्त करने की मांग
नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) (NPP) की सांसद अगाथा संगमा (MP Agatha Sangma) ने सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफ्सपा) (AFSPA) को निरस्त करने की मांग करते हुए कहा है कि इस अधिनियम के दुरुपयोग के कारण आम निर्दोष नागरिकों को वर्षों से कई प्रकार की यातनाएं सहनी पड़ रही हैं।
लोकसभा में मंगलवार को शून्यकाल के दौरान संगमा ने नागालैंड में सुरक्षा बलों की गोलीबारी (nagaland firing case) में आम नागरिकों की मौत की दुर्घटना का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। मणिपुर के इंफाल में साल 2000 में सात निर्दोष नागरिक (Manipur firing case) सुरक्षाबलों की गोलीबारी में मारे गए थे, तब सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला (Irom Sharmila) ने लंबे समय तक भूख हड़ताल कर अफ्सपा को निरस्त करने के लिए आंदोलन किया था।
उन्होंने कहा कि अलगाववाद (separatism) की समस्या के कारण पूर्वोत्तर के राज्यों में हिंसा और अस्थिरता थी जिससे निपटने के लिए इस कानून को सन् 1958 में बनाया गया था, लेकिन शुरुआत से ही मानवाधिकार और नागरिक संगठनों ने इस कानून का विरोध किया था। इस कानून से भी अलगाववाद नहीं रुका, बल्कि इसके दुरुपयोग से आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन हुआ है। यह कानून रद्द होना चाहिए।
Gulabi
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