मेघालय

देश का पहला राज्य बना मेघालय, जहाँ पर हो रही ड्रोन से दवाइयों की डिलीवरी

Kunti Dhruw
27 Nov 2021 6:49 PM GMT
देश का पहला राज्य बना मेघालय, जहाँ पर हो रही ड्रोन से दवाइयों की डिलीवरी
x
अब लोगों को होम डिलीवरी की खुब मदद मिल रही है।

अब लोगों को होम डिलीवरी की खुब मदद मिल रही है। महामारी के दौरान इस सुविधा का लोगों ने खूब लाभ उठाया और ऐसे समय में जब वो घर से बाहर नहीं निकल सकते थे, दवाइयां उनके घर तक पहुंची। मगर अभी भी देश के कई दूर दराज इलाके ऐसे हैं जहां ये सुविधा नहीं है। इन इलाकों में स्वास्थ्य केंद्र तक ही दवाइयां नहीं पहुंच पाती हैं, जिसका काम लोगों को दवाइयां बांटना है। अब भारत में भी ड्रोन से सामानों की डिलीवरी शुरू हो रही है। मेघायल देश का पहला राज्य बना है जहां ड्रोन से सफलतापूर्वक दवाओं की डिलीवरी की गई है।

मेघालय के पश्चिमी खासी हिल्स जिले में ड्रोन से दवाओं की डिलीवरी की गई। ड्रोन ने 25 मिनट में 25 किलोमीटर का सफर तय कर इतिहास रच दिया। इस पहल में आगे बढ़ते हुए मेघालय ने एक खास शुरुआत की है। मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने कहा कि देश में पहली बार दवाएं ड्रोन के जरिए पहुंचाई जाएंगी। मेघालय के पश्चिम खासी हिल्स जिले में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दवाइयां पहुंचाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। यह केंद्र जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर है।
मुखयमंत्री कानराड ने अपने सोशल अकाउंट पर लिखा , 'आज हमने मेघालय में नोंगस्टोइन से मावेत स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक ई-वीटीओएल ड्रोन के माध्यम से दवाओं की आपूर्ति की। अपनी तरह के इस पहले कार्यक्रम में ड्रोन ने 25 मिनट से भी कम समय में 25 किलोमीटर की दूरी तय की। यह भारत में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है। उन्होंने कहा, 'ड्रोन तकनीक स्वास्थ्य सेवा के भविष्य को बदल सकती है' यह एक अनूठी परियोजना है जो दुर्गम क्षेत्र में दवाओं की अपूर्ति को सुगम बनाएगी।'उन्होंने कहा, "ड्रोन तकनीक स्वास्थ्य सेवा के भविष्य को बदल सकती है। यह एक अनूठी परियोजना है जो स्वास्थ्य सेवा सप्लाई चेन की मदद से दुर्गम आबादी तक पहुंचने में मदद करेगी। मुख्यमंत्री के अनुसार तकनीकी सहयोग राज्य स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से इनोवेशन टीम टेक ईगल, स्मार्ट विलेज मूवमेंट द्वारा प्रदान किया गया। सूत्रों ने कहा कि डिलीवरी के लिए एक ई-वीटीओएल (वर्चुअल टेक ऑफ एंड लैंडिंग) ड्रोन AquilaX2 का इस्तेमाल किया गया था।
स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दवाओं की डिलीवरी के लिए एक ड्रोन की तैनाती पायलट आधार (small scale) पर की गई थी। आज इस कार्य को सफलता पूर्वक कर लिया गया, जिसकी वजह से इसमें लगने वाला समय 3 घंटे से घटकर आधे घंटे से भी कम हो गया।
Next Story