मेघालय

मेघालय : 55 साल के एक आरोपी ने बच्ची का हाथ पकड़कर कहा, बहुत सुंदर, हाईकोर्ट ने केस बंद करने का फैसला सुनाया

Shiddhant Shriwas
29 May 2022 8:50 AM GMT
मेघालय : 55 साल के एक आरोपी ने बच्ची का हाथ पकड़कर कहा, बहुत सुंदर, हाईकोर्ट ने केस बंद करने का फैसला सुनाया
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मेघालय हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी बच्ची का हाथ पकड़कर ये कहना कि तुम्हारे हाथ बहुत सुंदर हैं

शिलांग. मेघालय हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी बच्ची का हाथ पकड़कर ये कहना कि तुम्हारे हाथ बहुत सुंदर हैं, पोक्सो एक्ट के तहत सेक्सुअल असॉल्ट यानी यौन उत्पीड़न की श्रेणी में नहीं आता. ये टिप्पणी करते हुए हाईकोर्ट ने 55 साल के एक आरोपी के खिलाफ केस बंद करने का आदेश दिया. लाइव लॉ के मुताबिक, 9 साल की बच्ची ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने उससे ग्लास में पानी लाने के लिए कहा था. जब वह पानी लेकर गई तो उसने हाथ पकड़ लिया और अपने हाथ फेरते हुए कहने लगा कि तुम्हारे हाथ बहुत सुंदर हैं.

आरोपी ने मेघालय हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके कहा कि छोटी लड़की के हाथों की तारीफ करना और ये कहना कि तुम्हारे हाथ बहुत सुंदर हैं, किसी भी नजर से कानूनन अपराध नहीं माना जा सकता. सरकारी वकील ने याचिका का विरोध किया. उन्होंने दलील दी कि इस बात पर गौर किया जाना चाहिए कि लड़की जब पानी लेकर आई थी तो आरोपी ने गिलास नहीं पकड़ा था, और वह लड़की के हाथ से छूटकर नीचे गिर गया था. ये दिखाता है कि आरोपी की मंशा सिर्फ तारीफ करने की नहीं थी. हाईकोर्ट में जस्टिस डब्ल्यू. डेंगडोह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया.
लाइव लॉ के मुताबिक, हाईकोर्ट ने फैसले में कहा कि इस तथ्य पर गौर किया जाना चाहिए कि जहां पर ये घटना हुई, वो जगह लड़की के घर के पास ही है. लड़की जब वहां खेल रही थी तो पास में ही कुछ लोग ताश खेल रहे थे. उसी समय आरोपी ने उससे पानी का गिलास लाने के लिए कहा था. साफ है कि घटना पब्लिक प्लेस पर हुई, जहां कई लोग मौजूद थे और दिन के वक्त हुई. अदालत का कहना था कि आरोपी का लड़की से संपर्क महज कुछ सेकंड्स का ही रहा होगा, इसे सेक्सुअल इरादे से किया गया संपर्क नहीं माना जा सकता.
हाईकोर्ट ने कहा कि आरोपी ने भी माना है कि उसने लड़की का हाथ पकड़कर कहा था कि तुम्हारे हाथ सुंदर हैं, लेकिन पहली नजर में लगता है कि ऐसा किसी छेड़छाड़ के इरादे से नहीं किया गया था. ऐसे में इसे पोक्सो कानून के तहत अपराध नहीं माना जा सकता. अदालत ने कहा कि जो तथ्य उपलब्ध हैं, उनके आधार पर हम इस मुकदमे की कार्यवाही को जारी रखने के हक में नहीं है. इस मामले की आगे सुनवाई से कोई नतीजा नहीं निकलेगा, ऐसा हमारा मानना है.
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