मेघालय

पूर्वोत्तर के 4 राज्यों में अगले साल होने हैं विधानसभा चुनाव, अलग गारोलैंड की मांग ने जोर पकड़ा

Admin Delhi 1
24 Oct 2022 11:50 AM GMT
पूर्वोत्तर के 4 राज्यों में अगले साल होने हैं विधानसभा चुनाव, अलग गारोलैंड की मांग ने जोर पकड़ा
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नार्थ ईस्ट न्यूज़: पूर्वोत्तर के 4 राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले मेघायल के गारो हिल्स और उसके आसपास के क्षेत्रों की दशकों पुरानी 'अलग गारोलैंड' की मांग ने जोर पकड़ने लगी है। मेघालय के पश्चिमी हिस्से में रहने वाले स्वदेशी गारो लोगों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाले गारोलैंड स्टेट मूवमेंट कमेटी और नेशनल फेडेरेशन फॉर न्यूज स्टेट्स ने इस मांग के समर्थन में 29 अक्टूबर को एक विशाल रैली का आह्वान किया है। बताया जा रहा है कि इसमें उन राज्यों के नेता भी शामिल होंगे, जो दशकों से अलग राज्यों की मांग कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि बहुत से सामाजिक संगठनों का भी इस रैली को समर्थन मिल रहा है। गारो हिल्स ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल के उप मुख्य कार्यकारी सदस्य और एनएफएनएस के उपाध्यक्ष, निक्मन च मारक ने कहा, इस रैली में अलग-अलग राज्यों की मांग करने वाले नेता अलग गारोलैंड की मांग के समर्थन में तुरा पहुंचेंगे। विभिन्न सामाजिक संगठनों और गैर सरकारी संगठनों के सभी नेताओं का भी स्वागत हम करेंगे। उन्होंने कहा, गारोलैंड राज्य की हमारी लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने हमें सबके समर्थन की जरूरत है। हम सबका स्वागत करेंगे। उल्लेखनीय है कि तुरा मेघालय के पश्चिमी भाग में दूसरा सबसे बड़ा शहर और गारो हिल्स क्षेत्र का प्रमुख शहर है, जो 10,102 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है।

खबर है कि तुरा में अलग गारोलैंड की मांग करने वाले नेता देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग राज्यों की मांग कर रहे नेताओं से सपर्क कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि अलग राज्यों की मांग करने वाले नेताओं ने 29 को होने वाली रैली में शामिल होने के लिए हामी भी भर दी। बताया जा रहा है कि अलग गारोलैंड की की रैली में अलग लद्दाख, बुलंदेलखंड, विदर्भ, हरित प्रदेश, पूर्वांचल, बोडोलैंड, गोरखालैंड, त्रिप्रालैंड, दिमासा कार्बी और मिथिला प्रदेश राज्यों की मांग करने वाले नेता शामिल हो सकते हैं।

आपके बता दें कि मेघालय में अलग गारोलैंड की मांग दशकों पुरानी है। हर चुनाव में यह मुद्दा उठता है लेकिन इस बार इसे बृहतरूप उठाया जा रहा है। बताते हैं कि 2014 में नेशनल पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष पीए संगमा ने गारोलैंड का समर्थन किया था और उन्होंने लोगों इस बात पर वोट भी मांगा था। मेघालय के पहले मुख्यमंत्री कैप्टन डब्ल्यू ए संगमा के पौत्र और कांग्रेस उम्मीदवार डेरिल मोमिन के खिलाफ तुरा सीट पर चुनाव लड़ रहे संगमा ने कहा था, मैं संघर्ष की अगुवाई करूंगा और गारोलैंड का निर्माण सुनिश्चित करूंगा। मैं संसद में सर्वोच्च स्तर पर अपनी बात रखूंगा।

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