मणिपुर

मणिपुर में हुए आतंकी हमले की जांच NIA को सौंपी गई, MHA ने जारी किया नोटिफिकेशन

jantaserishta.com
30 Nov 2021 2:59 AM GMT
मणिपुर में हुए आतंकी हमले की जांच NIA को सौंपी गई,  MHA ने जारी किया नोटिफिकेशन
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नई दिल्ली: मणिपुर में असम राइफल्स पर हुए आतंकी हमला मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मामला दर्ज किया है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस संबंध में मणिपुर पुलिस को सूचना भेज दी है. मिली जानकारी के मुताबिक एजेंसी द्वारा गृह मंत्रालय को मामला दर्ज करने का प्रस्ताव भेजे जाने के बाद गृह मंत्रालय ने कुछ दिन पहले एनआईए को हरी झंडी दे दी थी. एनआईए ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए हैं.

13 नवंबर को सेहकेन गांव में दिया गया था घटना को अंजाम
घटना चुराचंदपुर जिले के सिंगनगाट के सेहकेन गांव में 13 नवंबर को सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर हुई. आतंकियों की इस नापाक हरकत में 7 लोगों की मौत हो गई थी . इस हमले की जिम्मेदारी लेने वाले पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) का गठन साल 1978 में हुआ था. बाद में भारत सरकार ने इसे आतंकी संगठन घोषित कर दिया था. ये संगठन मणिपुर में भारतीय सुरक्षाबलों पर धोखे से हमले करने के लिए जाना जाता है. इसका गठन बिश्वेसर सिंह ने किया था. आतंकी संगठन पीएलए स्वतंत्र मणिपुर की मांग करता है.
मणिपुर हमला कैसे किया गया?
अब जानकारी के लिए बता दें कि ये घटना चुराचांदपुर जिले के सिंघट में हुई जो म्यांमार बॉर्डर से सटा हुआ इलाका है. यहीं पर उग्रवादियों ने असम राइफल्स के काफिले पर घात लगाकर IED अटैक किया था. इस हमले को उस समय अंजाम दिया गया जब 46 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर फॉरवर्ड कैंप से वापस बटालियन मुख्यालय लौट रहे थे. उस समय उनके काफिले में कर्नल त्रिपाठी की पत्नी और बेटा भी मौजूद था. जिनकी इस हमले में मौत हो गई.
जानकारी के मुताबिक पहले उग्रवादियों ने IED ब्लास्ट किया और उसके बाद काफिले पर फायरिंग भी की. कहा ये भी जा रहा है कि जवाबी फायरिंग में हमलावर उग्रवादियों के भी घायल होने की खबर है. इस हमले में असम राइफल्स के चार जवान घायल हुए थे. उन्हें गोलियां लगी थीं. जिनका अभी अस्पताल में उनका इलाज जारी है.
कौन थे शहीद कर्नल त्रिपाठी?
शहीद कर्नल त्रिपाठी की बात करें तो वे छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के रहने वाले थे. 41 वर्ष के कर्नल त्रिपाठी ने रीवा सैनिक स्कूल से पढ़ाई की थी. उन्हें डिफेंस स्टडी में M.SC. करने के बाद सेना में प्रमोशन मिला था. कर्नल त्रिपाठी के दादा डॉ. किशोरी मोहन त्रिपाठी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे और उनके छोटे भाई अनिल त्रिपाठी सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं.

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