मणिपुर

मणिपुर में चुनाव से पहले बढ़ सकते हैं उग्रवादी हमले, जानें खुफिया जानकारी

Kunti Dhruw
18 Nov 2021 2:53 PM GMT
मणिपुर में चुनाव से पहले बढ़ सकते हैं उग्रवादी हमले, जानें खुफिया जानकारी
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बीते सप्ताह मणिपुर में असम राइफल्स (Assam Rifles) पर घात लगाकर हुए.

बीते सप्ताह मणिपुर में असम राइफल्स (Assam Rifles) पर घात लगाकर हुए. हमले (Ambush Attack) में खुफिया एजेंसियों के सामने नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं। नई खुफिया जानकारी के मुताबिक 46 असम राइफल्स पर हुए हमले के दौरान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) का उग्रवादी भी घायल हुआ था। इस हमले में एक कमांडिंग ऑफिसर, उनकी पत्नी-बेटे और चार जवानों की मृत्यु हो गई थी। खुफिया जानकारी के मुताबिक हमले में घायल हुआ उग्रवादी इंफाल घाटी के मैतेयी अलगाववादी ग्रुप से जुड़ा हुआ है। हालांकि इस उग्रवादी की लोकेशन का पता अभी नहीं चल सका है। लेकिन उसके मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में होने की संभावना है। इसी जगह पर बीते सप्ताह हमला भी हुआ था। ये जिला म्यांमार बॉर्डर से लगता है।

बता दें ये हमला बीते शनिवार को हुआ था। असम राइफल्स की खुगा बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर विप्लव त्रिपाठी कर्नल रैंक के अधिकारी थे। उनकी पत्नी, छह साल के बेटे के अलावा अर्धसैनिक बल के चार जवानों की शनिवार की सुबह एक हमले में मृत्‍यु हो गई थी। पीएलए और एमएनपीएफ ने उत्तर-पूर्वी राज्य के चुराचांदपुर जिले के सेहकन गांव में घात लगाकर किए गए हमले की जिम्मेदारी ली है।खुफिया सूत्रों की जानकारी के मुताबिक विप्लव त्रिपाठी के काफिले को निशाना बनाने के लिए 7 आईईडी विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया था। इसके बाद जवानों और उग्रवादियों में गनफाइट भी हुई थी।
खुफिया जानकारी ये भी कहती है कि अब पीएलए इसी तरह के और हमले की करने की प्लानिंग कर सकता है। इसके अलावा एमएनपीएफ और पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेईपेक जैसे संगठन भी इसी तरह के हमले सुरक्षा बलों पर निकट भविष्य में कर सकते हैं। एक अन्य जानकारी के मुताबिक विधानसभा चुनाव के दौरान भी पीएलए सुरक्षा बलों को निशाना बना सकता है। विशेष रूप से म्यांमार से सटे हुए इलाकों में।
साल 2015 में मणिपुर के चंदेल में सेना के काफिले पर हमला हुआ था जिसमें 18 जवानों की शहादत हुई थी। ये राज्य में आखिरी बड़ा हमला था। पीएलए की स्थापना एन बिशेश्वर ने की थी। मणिपुर को भारत से अलग करने के लिए बिशेश्वर ने यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट छोड़कर पीएलए बनाया था।
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