मणिपुर

मणिपुर : मणिपुर के सेनापति और कांगपोक्पी जिले में पाइलट प्रजोक्ट के तौर पर किया शुरु

Shiddhant Shriwas
21 Jun 2022 11:24 AM GMT
मणिपुर : मणिपुर के सेनापति और कांगपोक्पी जिले में पाइलट प्रजोक्ट के तौर पर किया शुरु
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अरसे से भारत-म्यांमार (India Myanmar) की लगभग 400 किमी लंबी सीमा भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक चुनौती बनी हुई है. चुनौती इसलिए क्योंकि पूरी सीमा ऐसी है की कहीं से भी आर पार आवाजाही की जा सकती है. यही खूबी मणिपुर को दुनिया भऱ में बदनाम ड्रग्स सप्लाई के सुनहरे त्रिकोण का हिस्सा बना रही थी. मणिपुर की मुश्किल ये कि पड़ोसी देशों में राजनीतिक अस्थिरता और ड्रग माफिया का अंतराष्ट्रीय स्तर पर चल रहा खुले ऑपरेशन ने राज्य में ड्रग्स के खतरे को और बढ़ा दिया है.

संगठित ड्रग माफिया मणिपुर के रास्ते नारकोटिक्स जैसे हेरोईन, गांजा, अफीम, सिंथेटिक ड्रग में क्रिस्टल मेथामफेटामिन, सूडो इफएड्रीन, डब्लू वाई टैबलेट भरत के दूसरे हिस्सों में भेजते हैं. केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय ने भी माना है कि देश में ड्रग का खतरा बढ़ता जा रहा है और युवा इसके शिकार होते जा रहे हैं. इसलिए गृह मंत्रालय ने भी ड्रग्स के खिलाफ जंग को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है.
इसलिए सूदूर पूर्व में मणिपुर सरकार ने ड्रग्स के खिलाफ खुली जंग का ऐलान किया है जिसे मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने वॉर ऑन ड्रग्स 2.0 (War on Drugs 2.0 ) का नाम दिया है. सीएम बिरेन सिंह ने इसे अपने दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन के एजेंडे का हिस्सा बनाया है. सरकार ने इस बार ड्रग्स के खिलाफ जंग शुरू की है एक नए अवतार में और गठित किया है एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स. और इस जंग में हर स्तर पर ड्रग्स रोकने के लिए कई स्तरो पर रणनीति बनाई है जिसमें कानून, समाजिक, मानव संसाधन और तकनीकि पहलुओं का इस्तेमाल किया जा रहा है ड्रग्स के खतरे को रोकने के लिए.
ड्रग्स माफिया का सप्लाई रुट बंद किया
मणिपुर सरकार की कड़ाई से ड्रग्स की सप्लाई के सभी रास्तों पर शिकंजा कसता जा रहा है. संवेदनशील राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर 24 घंटे हाईवे पेट्रोलिंग करने वाली जीपीएस युक्त गाड़ियों को लगाया गया है. ये मणिपुर के सेनापति और कांगपोक्पी जिले में पाइलट प्रजोक्ट के तौर पर शुरु किया गया है. राज्य हाईवे सिक्यूरिटी योजना पर भी एक महत्वाकांक्षी काम शुरू हो चुका है. इसके तहत मणिपुर को म्यांमार, असम और नगालैंड से जोड़ने वाले 3 मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-2, एनएच-102 और एनएच-37 पर ड्रग्स माफिया को कोई मौका नहीं देने की तैयारी चल रही है. इस योजना के तहत ड्रग्स माफिया को मणिपुर को ट्रांसिट रूट की तरह इस्तेमाल करना मुश्किल होगा.


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