मणिपुर
मणिपुर : भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं. लोकतंत्र की हत्या
Shiddhant Shriwas
8 Aug 2022 11:30 AM GMT
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लोकतंत्र की हत्या
इंफाल: मणिपुर की राजधानी इंफाल में शनिवार को प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिस के बीच झड़प में करीब 30 छात्र और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए. इसके बाद राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है.
ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (एटीएसयूएम) नाम का छात्र संगठन पहाड़ी क्षेत्र को और वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वायत्तता देने के लिए विधानसभा के मानसून सत्र में मणिपुर (पर्वतीय क्षेत्र) स्वायत्त जिला परिषद (संशोधन) विधेयक, 2021 (एडीसी बिल) पेश करने की मांग कर रहा है, ताकि पर्वतीय क्षेत्र का राज्य के घाटी वाले इलाकों के समतुल्य विकास सुनिश्चित हो सके.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की अगुवाई वाली भाजपा सरकार ने मंगलवार (दो जुलाई) को मणिपुर (पर्वतीय क्षेत्र) जिला परिषद छठे एवं सातवें संशोधन विधेयक पेश किए थे. प्रदर्शनकारियों का दावा है कि ये विधेयक उनकी मांगों के अनुरूप नहीं हैं.
पर्वतीय जिलों को अधिक स्वायत्तता दिए जाने की मांग को लेकर संगठन ने अपना प्रदर्शन तेज कर दिया है और इसी दौरान उनकी पुलिस से झड़प हो गई. उनके कुछ नेताओं की गिरफ्तारी की गई है, जिसका संगठन ने विरोध जताया है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (एटीएसयूएम) के कुछ नेताओं की रिहाई की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन में इंफाल पश्चिम जिले के काबो लीकाई में 100 से अधिक आदिवासी छात्र एकत्र हुए.
छात्र नेताओं को मणिपुर के पहाड़ी जिलों में पूर्ण बंद और उसके बाद आर्थिक नाकेबंदी लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
वे पहाड़ी क्षेत्र समिति (एचएसी)-अनुशंसित स्वायत्त जिला परिषद (एडीसी) संशोधन विधेयक-2021 को पेश करने की मांग कर रहे थे.
हालांकि, प्रदर्शनकारियों को सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए पुलिस ने तितर-बितर कर दिया. पुलिस की कार्रवाई से क्षुब्ध प्रदर्शनकारी आक्रोशित हो गए और पुलिस से उनकी भिड़ंत हो गई.
राज्य के चुराचांदपुर और बिष्णुपुर में अगले दो महीनों के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है.
हालातों को सामान्य करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया. जवाबी कार्रवाई में प्रदर्शनकारियों पुलिसकर्मियों पर पथराव किया. झड़प के दौरान, करीब 30 छात्र और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए.
ऑल कॉलेज ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन के एक नेता निंगजान जाजो ने कहा, 'हम अपने नेताओं की रिहाई की मांग को लेकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस छात्रों को परेशान करने लगी. हम पुलिस की ज्यादती की कड़ी निंदा करते हैं. जब तक कि गिरफ्तार एटीएसयूएम नेताओं को रिहा नहीं कर दिया जाता, हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे.'
इस बीच, इंफाल पश्चिम के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने शनिवार को गिरफ्तार एटीएसयूएम नेताओं को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
सुनवाई के दौरान अभियोजक ने अदालत को सूचित किया कि एटीएसयूएम द्वारा बुलाए गए पहाड़ी इलाकों में बंद ने खतरनाक रुख अख्तियार कर लिया था, क्योंकि उन्होंने आर्थिक नाकाबंदी कर दी थी और विरोध के लिए हिंसा का सहारा लिया.
अभियोजक ने आगे बताया कि आरोपियों के सहयोगियों ने चुराचांदपुर के डीटीओ कार्यालय और उखरूल पुलिस से संबंधित एक पुलिस वाहन में आग लगा दी और सरकारी संपत्तियों के साथ तोड़फोड़ की.
उन्होंने कहा, 'आरोपियों के अन्य सहयोगियों को गिरफ्तार करना और अन्य सहयोगियों/संगठनों को अवैध गतिविधियों में लिप्त होने से रोकने के लिए उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजना बेहद जरूरी है.'
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