मणिपुर
Manipur : उग्रवादियों ने एक पुलिस चौकी और कई घरों में लगाई आग
Sanjna Verma
8 Jun 2024 11:48 AM GMT
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Imphalइंफाल। मणिपुर के जिरीबाम जिले में शनिवार को संदिग्ध उग्रवादियों ने एक पुलिस चौकी और कई घरों में आग लगा दी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि उग्रवादियों ने शुक्रवार देर रात करीब 12:30 बजे बराक नदी के किनारे चोटोबेकरा इलाके में स्थित जिरी policeचौकी को आग के हवाले कर दिया था। राज्य की राजधानी इंफाल से लगभग 220 किलोमीटर दूर स्थित जिले के मोधुपुर क्षेत्र के लामताई खुनौ में पहाड़ी क्षेत्र के संदिग्ध उग्रवादियों ने अंधेरे का फायदा उठाकर कई हमले किए।
जिरीबाम के जिलाधिकारी ने बताया कि जिरीबाम के बाहरी इलाके के कई घरों में आग लगा दी गई, हालांकि अभी सटीक संख्या की पुष्टि नहीं की जा सकती। पुलिस ने बताया कि उग्रवादियों के खिलाफ सुरक्षा अभियान में सहायता के लिए मणिपुर पुलिस की एक कमांडो टुकड़ी को शनिवार सुबह इंफाल से जिरीबाम भेजा गया। आंतरिक Manipurलोकसभा सीट से नवनिर्वाचित कांग्रेस सांसद अंगोमचा बिमोल अकोईजाम ने राज्य सरकार से जिरीबाम जिले के लोगों के जीवन और संपत्तियों की रक्षा करने का आग्रह किया है। अकोईजाम ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, मैंने जिरीबाम के जिला अधिकारियों से बात की है।
उन्होंने कहा कि वहां अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी पहुंच गए हैं। शहर में रहने वाले लोगों को भी सुरक्षा दी जा रही है, लेकिन शहर के सीमाई क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षा नहीं दी जा रही है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि जिरीबाम जिले में उग्रवादियों द्वारा कथित तौर पर एक व्यक्ति की हत्या किए जाने पर भड़की हिंसा के बाद यहां के लगभग 239 लोगों को उनके गांवों से निकाल कर जिरी शहर के खेल परिसर में स्थापित किए गए नए शिविरों में भेजा गया। इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। जिरीबाम जिले में संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा 59 वर्षीय एक व्यक्ति की हत्या किए जाने पर हुए विरोध-प्रदर्शन के बाद छह जून को जिला प्रशासन ने वहां अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया था। जिरीबाम जिले में हुई हत्या से यहां ताजा जातीय हिंसा भड़क उठी है जबकि अभी तक यह क्षेत्र हिंसा से अप्रभावित रहा था। मणिपुर में पिछले साल से मई से जारी हिंसा से अब तक जिरीबाम अप्रभावित रहा है। यहां भी मेइती, मुस्लिम, नागा, कुकी और गैर-मणिपुरी लोग रहते हैं। इंफाल घाटी में रहने वाले मेइती और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी लोगों के बीच पिछले साल मई से जारी जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
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