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मणिपुर चुनाव
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह (Manipur Chief Minister N. Biren Singh) राज्य में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की जीत को लेकर आश्वस्त हैं। राज्य के पार्टी प्रभारी लगातार जीत के दावे कर रहे हैं। उन्हें खुद से ज्यादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ) के करिश्माई व्यक्तित्व और प्रमुख प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस (Congress) के बिखराव पर भरोसा है। बता दें कि राज्य में मतदान का पहला चरण 27 फरवरी और दूसरा तीन मार्च को है। वहीं मतों की गिनती 10 को होने के बाद परिणाम घोषित किए जाएंगे।
लेकिन राज्य में भाजपा के खिलाफ सिर्फ कांग्रेस गठबंधन ही नहीं अन्य राज्यों सहयोगी पार्टियां भी मैदान में हैं। वे भी भाजपा के खिलाख ताल ठोकेंगी। जिसमें बिहार में भाजपा की सहयोगी जदयू (JDU) और मेघालय में सहयोगी एनपीपी (NPP) भी है। मणिपुर के चुनावी रण में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की जदयू और कोनराड संगमा (Conrad Sangma) की एनपीपी, त्रिशंकु विधानसभा होने की हालत में किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं। वहीं मणिपुर में कांग्रेस प्रभारी जयराम रमेश (Jai Ram Ramesh) का कहना है कि उनकी पार्टी का एकमात्र लक्ष्य फिलहाल अपने बल पर पूर्ण बहुमत हासिल करना है, ताकि परिणामों के बाद किसी का मुंह न देखना पड़े।
बता दें कि मणिपुर में जदयू ने पूर्व पुलिस अधिकारी टी बृंदा (Former Police Officer T Brinda) और खवैराकफम लोकेन, कांग्रेस के के वीरेन और खुमुच्छम जयकिशन जैसे प्रमुख लोगों को अपना उम्मीदवार बनाया है। गौर हो कि जदयू ने अभी अपने 36 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। उसके दावे के अनुसार वह राज्य की 75 से 80 फीसदी सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बचा चुकी है। जदयू के एक महासचिव ने कहा है कि उनकी पार्टी सरकार बनाने की सबसे अधिक संभावना वाली पार्टी को अपना समर्थन देगी। बता दें कि राज्य में ऐसा पहली बार नहीं होने जा रहा है। ऐसा पहले भी हो चुका है।
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