मणिपुर
मणिपुर : भूस्खलन की चपेट में आठ लोगों की मौत और 50 लोग लापता
Shiddhant Shriwas
1 July 2022 10:26 AM GMT
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इंफाल। मणिपुर के नोनी जिले में हुए भीषण भूस्खलन की चपेट में आकर अब तक प्रादेशिक सेना (टीए) के दो जवानों सहित आठ लोगों की मौत हो गयी है और 50 से अधिक लोग लापता हैं। इस बीच मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य का जायजा भी लिया है। सिंह ने बुधवार देर रात हुए भूस्खलन के बाद जारी राहत एवं बचाव कार्य का मौके पर पहुंच कर जायजा लिया और उन्होंने इस भीषण प्राकृतिक आपदा में मारे गये लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख तथा घायलों को 50-50 हजार रूपये की सहायता राशि दिये जाने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि मणिपुर सरकार इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए हर संभव मदद देगी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों और राहत एवं बचाव टीमो से प्रभावित इलाके में ही रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया दल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया दल (एसडीआरएफ) को भेज दिया गया है यह दल सेना और रेलवे के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं। सरकार लापता 50 लोगों को ढ़ूढऩे के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। बचाव कार्य जारी है लेकिन भौगोलिक अवस्थिति, कीचड़ भरे पानी और भूस्खलन के खतरे के चलते राहत एवं बचाव कार्य पूरी क्षमता के साथ नहीं चलाया जा पा रहा है।
मणिपुर के राज्यपाल ला़ गणेशन ने इस प्राकृतिक आपदा पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा 'राज्य में पिछले एक सप्ताह से भी अधिक समय से रूक- रूक कर लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण हुए भूस्खलन की दुखद खबर सुनकर बेहद उद्वेलित हूं। यह दुखद घटना नोनी जिले में तुपुल यार्ड रेलवे निर्माण शिविर पर हुई । भूस्खलन की चपेट में आकर कई लोग मारे गये और कई मलबे में जिंदा दब गये। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ कर्मी राहत एंव बचाव कार्य में सहयोग देने के लिए निकल पड़े हैं।'
उन्होंने इस भीषण हादसे में मारे गये लोगों की आत्मा की शांति और उनके परिजनों के लिए इस बड़े दुख को सहन करने की क्षमता देने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। साथ ही उन्होंने दुर्घटना में घायल हुए लोगों के भी जल्द ठीक होने की कामना की है। सेना के अधिकारी ने बताया कि जिस समय यह हादसा हुआ उस समय भारतीय सेना की प्रादेशिक विंग के 107 जवान जिरीबाम से इंफाल को जोडऩे वाली निर्माणाधीन रेलवे लाइन की सुरक्षा में तैनात थे। सभी घायलो का इलाज नोनी में सेना की मेडिकल यूनिट में किया जा रहा है जबकि गंभीर रूप से घायल हुए जवानों को हेलीकाप्टरों की मदद से इंफाल लाया गया है। जिले के अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन के बाद मलबा ईजेई नदी में जा गिरा है जो नोनी जिले से होकर बहती है।
मलबे के कारण नदी का बहाव बाधित होने से बांध की तरह पानी जमा होने लगा है अगर यह टूटता है तो जिले के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बड़ी मुसीबत का कारण बन सकता है। इसी कारण नदी के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी जारी कर दी गयी है। सभी हेल्पलाइंस को सक्रिय कर दिया गया है और राहत सामग्री प्रभावित लोगों को पहुंचायी गयी है।
Shiddhant Shriwas
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