मणिपुर

मणिपुर : एंटी ड्रग सेल ने उरुप कांगथक गांव और केइराव गांव क्षेत्र में नकली नोट के रैकेट का किया भंडाफोड़

Shiddhant Shriwas
26 Aug 2022 9:29 AM GMT
मणिपुर : एंटी ड्रग सेल ने उरुप कांगथक गांव और केइराव गांव क्षेत्र में नकली नोट के रैकेट का किया भंडाफोड़
x
एंटी ड्रग सेल ने उरुप कांगथक गांव

इंफाल। मणिपुर में इंफाल ईस्ट पुलिस की एंटी ड्रग सेल ने उरुप कांगथक गांव और केइराव गांव क्षेत्र में नकली नोट के रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधिकारियों ने गिरोह के पास से मादक पदार्थों के साथ नकली नोटों के बंडल बरामद किए हैं। पुलिस ने कहा, 'हमने संदिग्‍ध वर्ल्‍ड इज योर्स (WY) की 3,790 गोलियों, 60 ग्राम हेरोइन, 89-89 की संख्‍या में 500 के नकली नोटों के 26 बंडल और 500 के जाली नोटों के 101 शीट्स की बरामदगी की है।' पुलिस ने कहा है कि इस पर आगे की जांच जारी है।

इससे पहले, 8 अगस्त को केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा को सूचित किया था कि वित्‍त वर्ष 2016-17 में बैंकिंग सिस्‍टम में पाए गए नकली नोटों का मूल्य 2021-22 में 43.47 करोड़ रुपये से घटकर 8.26 करोड़ रुपये हो गया है। यानी कि इसमें लगभग 80 फीसदी तक गिरावट दर्ज की गई है।

पंकज चौधरी ने उनसे पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह बात कही। सवाल था कि क्या साल 2016 में नोटबंदी के बाद से नकली भारतीय नोटों की कीमत बढ़ी है। उन्‍होंने कहा, 'एजेंसियों की एक रिपोर्ट की मानें तो कई ऐसे भी मामले सामने आए हैं जहां यह पाया गया है कि नकली मुद्रा की तस्करी पड़ोसी देशों से की गई है। पंकज चौधरी कहते हैं, बीते कुछ समय में विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के द्वारा जब्त किए गए नोटों की संख्‍या में वृद्धि हुई है, जिसके चलते बैंकिंग प्रणाली में पाए गए ऐसे नोटों की संख्या में कमी आई है।'

इसके अलावा, 2016-17 में 7.62 लाख नकली नोटों की संख्‍या भी 2020-21 में घटकर 2.08 लाख हो गई। इनकी संख्‍या में साल-दर-साल गिरावट दर्ज की गई। चौधरी ने कहा कि जाली नोटों की संख्या में कमी आई है, वजह 8 नवंबर, 2016 को सरकार द्वारा की गई नोटबंदी है जिसमें 1,000 रुपये और 500 रुपये के नोटों को रद्द कर दिया। विमुद्रीकरण के कई उद्देश्‍यों में से एक जाली नोटों पर लगाम कसना भी था।


Next Story