मणिपुर पर सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं होंगी ममता बनर्जी
कोलकाता न्यूज: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मणिपुर संकट पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के लिए तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओब्रायन को प्रतिनिधि बनाया है। शनिवार को दिल्ली में सर्वदलीय बैठक होगी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पटना में 23 जून को सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के लिए रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि मैं मणिपुर जाने की इच्छुक थी। मैंने इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुमति भी मांगी थी।
उन्होंने कहा कि पटना में विपक्ष की बैठक को अंतिम रूप दिए जाने के तुरंत बाद मुझे मणिपुर पर सर्वदलीय बैठक के बारे में सूचित किया गया था। इसलिए मैंने डेरेक ओब्रायन को टीएमसी का प्रतिनिधि बनाया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा के ज्वाइनिंग लेटर को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और उसे राज्य सचिवालय को वापस भेज दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य चुनाव आयुक्त की कुर्सी एक संवैधानिक पद है। उन्हें केवल महाभियोग प्रक्रिया के माध्यम से हटाया जा सकता है। उन्होंने जिक्र किया कि राज्यपाल ने स्वयं राज्य चुनाव आयुक्त के पद के लिए राजीव सिन्हा के नाम को मंजूरी दी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल अपनी इच्छानुसार कार्य नहीं कर सकते। मैंने पहले कभी इस तरह की चीजों का सामना नहीं किया है।
शांति रहा मणिपुर में शांति बहाल का काम
ममता ने आरोप लगाया कि केंद्र मणिपुर में शांति बहाल करने में नाकाम रहा है जहां जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि पहले केंद्र मणिपुर में शांति लाए, फिर हमसे राजनीतिक लड़ाई लड़ें।
ममता को विपक्षी दलों की बैठक रचनात्मक होने की उम्मीद
वहीं, ममता ने उम्मीद जताई कि शुक्रवार को पटना में विपक्ष की बैठक रचनात्मक होगी और कहा कि देश को विनाश से बचाने के लिए अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराना होगा। पत्रकारों के सवाल पर ममता ने कहा