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मणिपुर : हिंसाग्रस्त मणिपुर में शांति बहाल करने के उद्देश्य के चलते राज्य सरकार ने इंटरनेट सेवाओं पर लगी रोक की मियाद 30 जून तक बढ़ा दी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, जातीय झड़पों और हिंसा से प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध 30 जून को दोपहर 3 बजे तक के लिए बढ़ा दिया गया है। राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध को ‘अशांति’ के चलते बढ़ा दिया गया।
विज्ञप्ति के मुताबिक, पुलिस महानिदेशक, मणिपुर ने पत्र संख्या आईसी/11(163)/2008-पीएचक्यू(पीटी) दिनांक 24-06-2023 के माध्यम से बताया कि अभी भी घरों और परिसरों में हिंसा, हमलों और आगजनी की घटनाओं की खबरें आ रही हैं, जिनमें गोलीबारी का आदान-प्रदान भी शामिल है।
तो इस वजह से बढ़ा प्रतिबंध
विज्ञप्ति में कहा गया कि ऐसी आशंका है कि कुछ असामाजिक तत्व जनता की भावनाएं भड़काने वाली तस्वीरें, नफरत भरे भाषण और नफरत भरे वीडियो संदेश प्रसारित करने के लिए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस बीच, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और राज्य के जमीनी हालातों के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की।
मुलाकात के बाद उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री ने आश्वासन दिया कि राज्य में सामान्य स्थिति और शांति बहाली के लिए केंद्र सरकार हरसंभव मदद करने के लिए कदम उठाएगी।
क्या है पूरा मामला?
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच एक महीने पहले भड़की हिंसा में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई है। मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘जनजातीय एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद तीन मई को पहली बार झड़पें हुईं थीं।
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