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जनता से रिश्ता वेबडेस्क : बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में अब तक भारतीय खिलाड़ियों ने 26 पदक अपने नाम कर लिया है। जिसमें 9 स्वर्ण, 8 रजत और 9 ब्रॉन्ज मेडल हैं। अब तक भारत को सबसे ज्यादा पदक वेटलिफ्टिंग और रेसलिंग से आए हैं। वेटलिफ्टर्स ने भारत को 10 और रेसलर्स ने भारत को 6 पदक दिलाए हैं। जूडो से भी भारत को 3 पदक आए हैं। फिलहाल कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 की मेडल टैली में भारत पांचवें स्थान पर है।
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत को अपना पहला पदक वेटलिफ्टर संकेत महादेव सरगर ने दिलाया है। कॉमनवेल्थ गेम्स के दूसरे दिन उन्होंने पुरुषों के 55kg भारवर्ग में स्नैच में 113kg और क्लीन एंड जर्क में 135kg यानी कुल 248kg वजन उठाकर सिल्वर अपने नाम किया। वह गोल्ड मेडलिस्ट वेटलिफ्टर मलेशिया के मोहम्मद अनिक से महज 1kg पीछे रहे। वहीं दूसरा मेडल वेटलिफ्टर गुरुराजा पुजारी ने दिलाया। उन्होंने पुरुषों के 61kg भारवर्ग में 269kg वजन उठाकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। ओलंपिक मेडलिस्ट मीराबाई चानू ने कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को पहला गोल्ड दिलाया। उन्होंने 49kg कैटगरी में कुल 201kg वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता। मीराबाई ने स्नैच में 88kg और क्लीन एंड जर्क में 113kg वजन उठाया। महिलाओं के 55 किलोग्राम भारवर्ग कैटगरी में वेटलिफ्टर बिंदियारानी देवी ने भारत को सिल्वर दिलाया। उन्होंने स्नैच में 86kg और क्लीन एंड जर्क में 116kg वजन यानी कुल 202kg वजन उठाकर सिल्वर अपने नाम किया। वह महज 1kg से गोल्ड चूंक गईं।
जेरेमी लालरिनुंगा ने कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को दूसरा गोल्ड मेडल दिला दिया है। उन्होंने 67 किलोग्राम कैटगरी में 300kg वजन उठाकर स्वर्ण अपने नाम किया। वह सिल्वर मेडलिस्ट वाइपावा लोअने (293kg) से 7kg ज्यादा वजन उठाकर चैंपियन बने। अचिंता शिउली ने पुरुषों के 73 किलोग्राम भार वर्ग में स्नैच राउंड में 143 किलो और क्लीन एंड जर्क राउंड में 170 किलो वजन उठाया। इस तरह उन्होंने कुल 313 किलो वजन उठाकर भारत की झोली में तीसरा गोल्ड डाल दिया। सुशीला देवी लिकमाबाम ने जूडो के 48 किलोग्राम भारवर्ग में सिल्वर मेडल जीता। फाइनल में सुशीला का मुकाबला दक्षिण अफ्रीका की मिचेला व्हाइटबोई से था, जहां उन्हें अतिरिक्त समय में हार का सामना करना पड़ा। विजय कुमार यादव ने जूडो में भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया। वह पुरुषों के 60 किलो वर्ग में क्वार्टर फाइनल में आस्ट्रेलिया के जोशुआ से हार गए थे। इसके बाद रेपचेज मुकाबलों में उन्हें मौका मिला और यहां उन्होंने कांस्य पदक जीत लिया। विजय ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में साइप्रस के प्रेटो को 10-0 से मात दी।
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