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120 लोगों की जान चली गई और 3,000 से अधिक लोग घायल हो गए।
मणिपुर में मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक शनिवार को यहां शुरू हुई।
3 मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से लगभग 120 लोगों की जान चली गई और 3,000 से अधिक लोग घायल हो गए।
बैठक में भाजपा, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दलों समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता हिस्सा ले रहे हैं।
मेइतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में 3 मई को पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसक झड़पें हुईं।
शाह ने पिछले महीने चार दिनों के लिए राज्य का दौरा किया था और पूर्वोत्तर राज्य में शांति वापस लाने के अपने प्रयासों के तहत विभिन्न वर्गों के लोगों से मुलाकात की थी।
विपक्षी दल स्थिति से निपटने के तरीके को लेकर सरकार की आलोचना कर रहे हैं क्योंकि 50 दिनों के बाद भी हिंसा नहीं रुकी है।
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