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नई दिल्ली (आईएएनएस)| मणिपुर के हालात को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक शनिवार को संपन्न हुई। बैठक की जानकारी देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने बताया कि मीटिंग में सबसे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर के हालात को लेकर एक प्रजेंटेशन दिया। जिसमें बताया गया कि किस प्रकार से राज्य में हिंसा आरंभ हुई। हिंसा के क्या कारण रहे। हिंसा को रोकने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं और शांति स्थापित करने के लिए भविष्य में क्या कदम उठाए जाएंगे। बैठक में शामिल सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी बात रखी और सुझाव दिए। इसके बाद बोलते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने सभी दलों को भरोसा दिया कि उनके सुझावों को नोट कर लिया गया है और संबंधित अधिकारियों से चर्चा के बाद उन पर फैसला किया जाएगा।
संबित पात्रा ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक में मौजूद तमाम राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को मणिपुर के राजनीतिक हालात की जानकारी दी। यह भी बताया कि ऐसा एक भी दिन नहीं गया, जब प्रधानमंत्री ने मणिपुर के हालात को लेकर उनसे बात नहीं की हो और जानकारी नहीं ली हो। उन्होंने बैठक में सरकार के प्रयासों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर ही मणिपुर में शांति स्थापित करने के लिए कोशिशें की जा रही हैं।
अमित शाह ने बैठक में यह भी जानकारी दी कि यह एक अच्छी बात है कि पिछले लगभग 13 जून से राज्य में किसी भी व्यक्ति की जान नहीं गई है। आगे कोशिश जारी है कि राज्य में इसी प्रकार से शांति स्थापित रहे और जो छिटपुट घटनाएं जारी हैं, उसको किस तरह से काबू किया जा सकता है, इसको लेकर भी गृह मंत्री ने विस्तार से अपनी बात कही।
संबित पात्रा ने दावा किया कि सभी राजनीतिक दलों ने माना कि गृह मंत्री अमित शाह द्वारा स्वयं 3 दिन और 3 रात मणिपुर में रहना एक बड़ी बात रही और इससे एक सकारात्मक माहौल पैदा हुआ।
बैठक में अमित शाह ने मणिपुर के म्यांमार से लगते बॉर्डर पर फेंसिंग, 2014 के बाद मणिपुर सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट में शांति स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा उठाये गए कदम और इससे मिली कामयाबी के बारे में विस्तार से बताया।
आरजेडी नेता मनोज झा ने बैठक के बाद कहा कि राज्य की जनता का, राज्य चलाने वाले पर (मुख्यमंत्री) भरोसा नहीं है इसलिए उन्हें इस्तीफा देना चाहिए। वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने एक ऑल पार्टी डेलिगेशन मणिपुर ले जाने की मांग की। कई अन्य राजनीतिक दलों ने भी आरजेडी और टीएमसी की मांग का समर्थन किया।
--आईएएनएस
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