महाराष्ट्र

पुरुष' साबित कर दी गई महिला को मिली महाराष्ट्र पुलिस में नौकरी

Admin2
16 May 2022 11:52 AM GMT
पुरुष साबित कर दी गई महिला को मिली महाराष्ट्र पुलिस में नौकरी
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एक महिला के रूप में अपना करियर बनाया

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : महाराष्ट्र की एक महिला ने महाराष्ट्र पुलिस में नौकरी के लिए अप्लाई किया. टेस्ट निकाल लिया, लेकिन उसे नौकरी नहीं मिली. उसे बताया गया कि वो एक महिला है ही नहीं, बल्कि पुरुष है. अब इस केस में बॉम्बे हाईकोर्ट ने महिला के पक्ष में फैसला सुनाया है.2018 में महिला ने अनुसूचित जाति (SC) कैटगरी से नासिक ग्रामीण पुलिस भर्ती के लिए अप्लाई किया था. उस समय वो 19 वर्ष की थीं. इम्तेहान हुआ और उन्हें 200 में से 171 नंबर मिले. इसके बाद हुआ फिज़िकल टेस्ट. वो भी उन्होंने क्लियर कर लिया.इसके बाद होना था मेडिकल टेस्ट. मुंबई के जेजे अस्पताल में. अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट से पाया गया कि महिला के पास यूट्रस और ओवरीज़ नहीं थे और ब्लैडर के बेस के पास प्रोस्टेट जैसा कुछ देखा गया. संभवत: लिंग. इसके बाद जेजे अस्पताल के एनाटॉमी विभाग ने महिला अभ्यार्थी को बताया कि उन्हें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ इम्यूनोहेमेटोलॉजी में कैरियोटाइपिंग मेडिकल टेस्ट करवाना होगा. कैरियोटाइपिंग एक तरह का टेस्ट है, जो क्रोमोज़ोम्स के असंतुलन के बारे में पता लगाने के लिए किया जाता है. टेस्ट्स से पता चला कि महिला के ख़ून में 'XY' क्रोमोज़ोम पाए गए थे. बता दें कि महिलाओं में XX क्रोमोज़ोम्स और पुरुषों में XY क्रोमोज़ोम्स होते हैं.

रिपोर्ट मिलने पर जेजे अस्पताल ने नासिक ग्रामीण के SP को एक पत्र लिखा, जिसमें बताया कि उनकी राय में 'अभ्यर्थी एक पुरुष है'.महिला ने अदालत को बताया कि वो केवल एक सरकारी नौकरी चाहती थीं, ताकि वो अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें. अदालत ने महिला अपीलकर्ता की एजुकेशन क्वालिफिकेशन्स और अकादमिक रिकॉर्ड को देख कर उनकी सराहना की.जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और एमजे जामदार की बेंच ने महाराष्ट्र के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी से महिला के मामले को संवेदनशीलता के साथ देखने को कहा. कोर्ट ने कहा,:महिला यह भी नहीं जानती थी कि वो महिला नहीं है. उसने एक महिला के रूप में अपना करियर बनाया, इसमें उनका कोई दोष नहीं. महिला की मेडिकल स्थिति को सहानुभूतिपूर्ण देखा जाना चाहिए."
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