महाराष्ट्र

नरेंद्र मोदी आज 40 जिलों के जिलाधिकारियों के साथ वैक्सीनेशन को लेकर सीएम उद्धव ठाकरे को क्या बोलेंगे?

Shiddhant Shriwas
3 Nov 2021 7:33 AM GMT
नरेंद्र मोदी आज 40 जिलों के जिलाधिकारियों के साथ वैक्सीनेशन को लेकर सीएम उद्धव ठाकरे को क्या बोलेंगे?
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज भारत के 40 जिलों के जिलाधिकारियों के साथ वैक्सीनेशन मुहिम के कामों का जायजा ले रहे हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज भारत के 40 जिलों के जिलाधिकारियों के साथ वैक्सीनेशन मुहिम के कामों का जायजा ले रहे हैं. इसमें संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे. इस बैठक में पीएम मोदी वैक्सीनेशन कार्यक्रमों में आ रही समस्याओं पर बात करेंगे और समधान निकालने का प्रयास करेंगे. पीएम मोदी उन जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं जिनके जिलों में वैक्सीनेशन की पहली डोज 50 फीसदी से कम लोगों को मिली है और दूसरी डोज देने की रफ्तार भी धीमी है. ऐसे जिलों में महाराष्ट्र का जिला औरंगाबाद भी है. इस अहम बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) भी शामिल होंगे. यह बैठक दोपहर 12 बजे शुरू हो रही है.

बात यह उठती है कि पीएम मोदी जब औरंगाबाद जैसे जिलों में वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी होने की वजह पूछेंगे तो उद्धव ठाकरे क्या जवाब देंगे? उद्धव ठाकरे क्या वही रटा-रटाया सवाल उठाएंगे कि केंद्र से वैक्सीन की डोज की सप्लाई कई बार स्लो हो जाती है तो यहां भी वैक्सीनेशन का कार्यक्रम स्लो हो जाता है? नहीं उद्धव ठाकरे ऐसा हरगिज नहीं करेंगे. क्योंकि फिर सवाल उठेगा कि महाराष्ट्र सबसे तेज वैक्सीनेशन करने वाले राज्यों में अग्रणी है. आबादी के प्रतिशत के आधार पर भी केंद्र ने महाराष्ट्र को सबसे ज्यादा वैक्सीन दी है.
सीएम ठाकरे पीएम मोदी को कम वैक्सीनेशन की समस्या का यह समाधान बता सकते हैं
दरअसल जिन जिलों में में वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी है, उसका एक कारण यह हो सकता है कि वे जिले दुर्गम भागों में है. इसलिए जनता को वैक्सीनेशन केंद्र तक लाना एक बड़ा और मुश्किल काम है. ऐसी जगहों के लिए महाराष्ट्र ने एक अच्छा काम यह किया है कि वैक्सीनेशन की मोबाइल यूनिट शुरू की है. यानी ऐसे इलाकों में जहां जनता को केंद्र तक लाना मुश्किल है, वहां वैक्सीनेशन के लिए यह मोबाइल यूनिट जनता के दर तक खुद पहुंचेगी और वैक्सीनेशन की डोज उपलब्ध कराएगी. यानी जिस तरह पोलियो के ड्रॉप के लिए दूर-दराज के इलाकों में पहुंच कर टीके दिए जाते हैं, ठीक उसी तरह की व्यवस्था कोरोना रोधी वैक्सीन के लिए भी की जा रही है.
औरंगाबाद जैसे जिले दुर्गम इलाके में नहीं हैं, फिर वहां वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी क्यों?
पर यह तरीका औरंगाबाद जैसे जिलों में लागू नहीं होता. औरंगाबाद ऐसा दुर्गम इलाका नहीं है जहां जनता को वैक्सीन केंद्रों तक पहुंचने में खास मुश्किलों का सामना करना पड़े. सवाल माइंटसेट का है. अभी भी कई लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर आशंकाएं हैं, अंधविश्वास है, अज्ञानताएं हैं, पूर्वाग्रह है. आज ही खबर आई है कि महाराष्ट्र के एक लोकप्रिय कीर्तन गायक इंदुरीकर महाराज ने कहा है कि वे वैक्सीन नहीं लगवाएंगे. उन्हें वैक्सीन की जरूरत नहीं है. औरंगाबाद जिला भी एक ऐसा ही जिला है. कुछ दिनों पहले आई एक सर्वे के मुताबिक वैक्सीन की डेट पर वहां लोग वैक्सीन केंद्रों तक पहुंचते ही नहीं हैं.
30 नवंबर तक 100 फीसदी वैक्सीनेशन का जिलाधिकारियों को उद्धव ठाकरे का निर्देश
इसके लिए कल (मंगलवार) ही मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों और कोरोना टास्कफोर्स के साथ बैठक में एक अच्छी पहल की. उन्होंने कहा कि सिनेमाघरों में फिल्मों के साथ वैक्सीनेशन को लेकर जागरुकता बढ़ाने वाले संदेश दिए जाएं. उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को 30 नवंबर तक का वक्त दिया है. यानी इस महीने के आखिर तक सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिले में 100 फीसदी वैक्सीनेशन का लक्ष्य हासिल करना है. नवंबर के आखिर तक हर जिले में वैक्सीन के लिए योग्य सभी लोगों को वैक्सीन की पहली डोज मिल चुकी हो, यह सुनिश्चित करना होगा. इसके लिए जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वे हर स्तर तक जाएं, सभी धर्मों और जातियों के लोगों से बात करें, उन्हें जागरुक करें और वैक्सीनेशन मुहिम में सहभागी बनाएं.
देश में 107 करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है
बता दें कि इस अहम बैठक में महाराष्ट्र सहित झारखंड, मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और अन्य राज्यों के जिलाधिकारी, अधिकारी और मुख्यमंत्री शामिल हो रहे हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक मंगलवार तक 107 करोड़ से अधिक वैक्सीन के डोज दिए जा चुके हैं. भारत की 71 फीसदी आबादी को वैक्सीन की पहली डोज मिल चुकी है. 38 फीसदी लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज मिल चुकी है.
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